भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की जररत
विशेष संवाददाता
गृहमंत्री बनने के बाद पहली बार अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर आज वाराणसी पहुंचे थे। बतौर गृह मंत्री अनुच्छेद 370 और 35-A हटाने के बाद देश मे बहुचर्चित हो चुके अमित शाह ने बीएचयू में (17 व 18 अक्टूबर) भारत अध्ययन केंद्र की तरफ से आयोजित गुप्तवंशक वीर स्कंदगुप्त विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुन: स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनैतिक भविष्य विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के प्रथम दिन ओजस्वी संबोधन के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। इस कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस संगोष्ठी में कई देशों के चिंतक भी शामिल हुए हैं ।

गृहमंत्री अमित शाह ने बीएचयू भारत अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया। स्वतंत्रता भवन में होने वाले कार्यक्रम में स्कंदगुप्त व विक्रमादित्य के जीवन से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की गई।

इस दौरान श्री शाह ने कहा कि भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की जरूरत है। इसके लिए हमें ही आगे आना होगा। इसमें इतिहासकारों की बड़ी भूमिका है। अगर हम अब तक अपने इतिहास की दोबारा समीक्षा नहीं कर सके तो यह हमारी कमजोरी है।

गृहमंत्री ने आगे कहा कि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को इतिहास में बहुत प्रसिद्धि मिली है। लेकिन उनके साथ इतिहास में बहुत अन्याय भी हुआ है। उनके पराक्रम की जितनी प्रशंसा होनी थी, उतनी शायद नहीं हुई।

बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शाह ने कहा कि अब तक क्या हुआ, उसको सोचने की जरूरत नहीं है। अब हमें नए सिरे से इतिहास को लिखना होगा। जिससे कि सभी को इसकी प्राचीनता, महत्ता का पता चल सके। अमित शाह ने कहा कि इस आयोजन से इतिहास के विखरे पन्ने एक जगह आएंगे। हमारे देश के इतिहास को हमें ही लिखना होगा।

कार्यक्रम समन्वयक प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी और संयोजक प्रो. राकेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि गुप्तवंशैक-वीर: स्कंदगुप्त विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुन: स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनीतिक भविष्य विषयक संगोष्ठी में देश-विदेश से जाने माने विद्वान भाग ले रहे हैं। इसमें अलग-अलग सत्रों में गुप्तवंशैक-वीर: के उदय, हूण आक्रमण, तत्कालीन राजनीतिक चुनौतियां, स्कंदगुप्त का पराक्रम, गुप्तकालीन भारत के वैश्विक आयाम आदि पर चर्चा हो रही है।

गुप्त वंश के शूरवीरो को इतिहास ने नकारा, गोष्ठी में भाग लेने इन देशों से आए प्रबुद्ध
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अमेरिका, जापान, मंगोलिया, बैंकाक, श्रीलंका, वियतनाम व नेपाल से भी प्रबुद्धजन पहुंचे हैं । कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर राकेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि, सैदपुर-गाजीपुर में गुप्त वंश के वीर स्कंदगुप्त विक्रमादित्य से जुड़े तमाम ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हैं। लेकिन अभी तक इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हैं। इतिहासकारों ने गुप्तकाल के शूरवीरों की गाथा को जितना महत्व देना चाहिए था, नहीं दिया है। इन शूरवीरों को इतिहास में अपनी वीरता के कारण जितनी जगह के हकदार थे, नहीं मिली है उसको दिलाने की दिशा में यह संगोष्ठी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

एजेंसियां अलर्ट, ड्रोन से हो रही थी निगरानी
बीएचयू में अमित शाह के दौरे का छात्रनेताओं ने विरोध किया था। छात्र संघ बहाली को लेकर कार्यक्रम की होर्डिंग पर अराजक तत्वों ने कालिख पोत दी। जिसे बाद में हटा दिया गया था। छात्रों के विरोध के चलते खुफिया एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क थी। ड्रोन कैमरे से निगरानी हो रही थी। 2500 से अधिक पुलिस, पीएससी, पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई थी।50 दरोगा और 150 सिपाही सादे वेश में तैनात किए गए थे।
