केंद्रीय मंत्री ने गाम्बिया सरकार के स्थायी सचिवों के साथ बातचीत की, जो सार्वजनिक नीति और शासन पर एक सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत आए हुए हैं
डॉ. जितेंद्र सिंह ने गाम्बिया के साथ विशेष रूप से पेंशन सुधार, ई-भर्ती और शिकायत निवारण जैसे क्षेत्रों में शासन सुधारों में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का प्रस्ताव रखा है
सार्वजनिक नीति और शासन पर एक सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत आए गाम्बिया सरकार के स्थायी सचिवों के साथ बातचीत में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धि (एआई) संचालित शासन पर जोर दिया और कहा कि यह हमारे भविष्य के कामकाज का एक अनिवार्य हिस्सा बनने जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार और नागरिकों के बीच की खाई को पाटकर अगली पीढ़ी के सुधारों को अपनाने का स्पष्ट आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि इस सोच को हकीकत में बदलने के लिए सचिवालय सुधार, स्वच्छता अभियान, शासन और सेवाओं के न्यूनतम मानदंड बनाने, लोक शिकायतों का निवारण और सेवा वितरण में सुधार, योग्यता को मान्यता देना और सुशासन प्रथाओं की प्रतिकृति जैसी कई पहल पहले ही शुरू की जा चुकी हैं।
गाम्बिया के स्थायी सचिवों के लिए आईटीईसी के तहत विदेश मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, एनसीजीजी द्वारा यह तीसरा क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। 16 मई से 21 मई तक नई दिल्ली में चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम 8 जुलाई, 2021 को कार्मिक प्रशासन और शासन सुधारों के नवीनीकरण पर डीएआरपीजी और गाम्बिया के लोक सेवा आयोग के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
गाम्बिया के कई सचिवों की बातों को धैर्यपूर्वक सुनने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत आए प्रतिनिधियों को बताया कि दुनिया के कई देशों में भारत के बेहतरीन शासन और चुनावी सुधारों का अनुकरण किया जा रहा है। उन्होंने गाम्बिया के सचिवों से कहा कि वे प्रशासन में प्रौद्योगिकी आधारित सुधारों को अपनाएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है और यह इस बात को रेखांकित करने का सबसे उपयुक्त अवसर है कि भारत और गाम्बिया के बीच द्विपक्षीय संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले लगभग 8 वर्षों में भारत ने मानवीय हस्तक्षेप के बिना शुरू से अंत तक सेवा वितरण को बहाल करने के लिए बड़े पैमाने पर शासन सुधारों में प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है। उन्होंने गाम्बिया को इस तरह की सर्वोत्तम प्रथाओं को उसके साथ साझा करने की पेशकश की है। उन्होंने बताया कि दिन-प्रतिदिन के प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से लागू किए गए सुधारों में ई-ऑफिस, ई-अवकाश प्रबंधन प्रणाली, कर्मचारी सूचना प्रणाली, स्मार्ट प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट रिकॉर्डिंग ऑनलाइन विंडो (स्पैरो), आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस), पेंशन स्वीकृति और भुगतान ट्रैकिंग प्रणाली (भविष्य), सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस), पेंशनभोगियों के लिए वेब उत्तरदायी पेंशनभोगी सेवा, बुजुर्ग पेंशनभोगियों के लिए चेहरा पहचान तकनीकि की शुरुआत, मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के दिव्यांग बच्चे के लिए फैमिली पेंशन, इलेक्ट्रॉनिक पेंशन वेतन आदेश आदि का कार्यान्वयन शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ई-ऑफिस को व्यापक रूप से अपनाने से केंद्रीय सचिवालय में कागज रहित कार्यालय बन गए हैं जहां कागज का इस्मेमाल ही नहीं किया जाता है। ई-ऑफिस ने न केवल महामारी के दौरान बल्कि दिन-प्रतिदिन के कामकाज में भी सुचारू संचालन को सक्षम बनाया है। कार्मिक प्रशासन में सरकार के किए गए महत्वपूर्ण सुधारों के साथ संगठनात्मक सुधारों में मिशन कर्मयोगी और लैटरल भर्ती शामिल हैं। केंद्रीय सचिवालय ने सरकारी कामकाज में निर्णय लेने में दक्षता बढ़ाने की पहल को अपनाया है जिसमें किसी मामले को प्रस्तुत करने का चैनल 4 स्तरों से अधिक नहीं रह गया है जो पहले 7-8 स्तर तक का था। सरकार में डेस्क अधिकारी प्रणाली को अपनाया गया है जिससे एक ही जगह फ़ाइल को निपटाने का काम सुनिश्चित हो सका है। इससे मामलों के निपटाने की दक्षता में बढ़ोतरी हुई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन कर्मयोगी में यह परिकल्पना की गई है कि डिजिटल मोड के माध्यम से प्रत्येक अधिकारी का निरंतर क्षमता निर्माण हो ताकि वह प्रत्येक नए कार्य को बेहतरीन तरीके से संपन्न करने के लिए खुद तैयार हो सके और साथ ही प्राधिकारियों को वैज्ञानिक तरीके से सही कार्य के लिए सही अधिकारी चुनने में सक्षम बनाया जा सके। हमारा मुख्य मंत्र ‘नियम आधारित से भूमिका आधारित’ शासन की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसी तरह, भर्ती के क्षेत्र में सुधारों के रूप में भारत सरकार ने देश भर में नौकरी के इच्छुक सभी उम्मीदवारों को, चाहे वे किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के हों, एक स्तर का प्रतियोगिता माहौल प्रदान करने के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) का गठन किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जन शिकायतों के निवारण के लिए एक समर्पित केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) ऑनलाइन प्रणाली है। सीपीजीआरएएमएस नागरिकों को कहीं से भी और कभी भी (24×7) निवारण के लिए अपनी शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करता है। वर्ष 2021 में सीपीजीआरएएमएस पर 21 लाख लोक शिकायत मामले प्राप्त हुए, जिनमें से 19.95 लाख मामलों का निवारण किया गया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने गाम्बिया के सभी वरिष्ठ स्थायी सचिवों को प्रशिक्षण कार्यक्रम और नई दिल्ली में आराम से रहने के लिए शुभकामनाएं दीं।
गाम्बिया के उच्चायुक्त मुस्तफा जवारा ने क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए गाम्बिया सरकार में वरिष्ठ सचिवों के अलावा मध्य स्तर के अधिकारियों के लिए भी इस तरह के और अधिक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से अनुरोध किया। उन्होंने पेंशन प्रणाली, शिकायत निवारण और ई-भर्ती जैसे क्षेत्रों में भारत सरकार से विशेष मदद मांगी। केंद्रीय मंत्री श्री सिंह ने सभी तरह की मदद देने पर सहमति जताई और कहा कि अन्य शासन क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं को भी अफ्रीकी साझेदार गाम्बिया के साथ साझा किया जाएगा।