ऋचा बाजपेयी
न्यूयॉर्क। भारत की तरफ से यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (यूएनजीए) में राइट टू रिप्लाई के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की स्पीच पर जोरदार पलटवार। किया गया । विदेश मंत्रालय की फर्स्ट सेक्रेटरी विदिशा मैत्रा ने भारत की ओर से पाकिस्तान को जवाब दिया है। जवाब के बाद उनके सुपर बॉस एस जयशंकर से लेकर यूएन में उनके सीनियर सैयद अकबरुद्दीन तक उनकी तारीफ कर रहे हैं। विदिशा मैत्रा शायद भारत की वह पहली डिप्लोमैट हैं जिन्होंने पहली बार पाकिस्तान पीएम इमरान खान का नाम इमरान खान नियाजी के तौर पर लिया। उन्होंने इमरान को याद दिलाया है कि उनके देश की असलियत क्या है। जानिए कौन थे नियाजी और क्या है इमरान के साथ उनका कनेक्शन।
93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर
इमरान खान उसी खानदान से आते हैं जिस वंश से पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी आते थे।नियाजी पाकिस्तान के मियांवाली के रहने वाले लोग हैं और इमरान का ऐसे में उनसे खून का रिश्ता है। जनरल नियाजी जिनका पूरा नाम आमीर अब्दुल खान नियाजी था, वही पाकिस्तानी जनरल थे जिन्होंने सन 1971 की जंग में बांग्लादेश बनने के बाद भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के जनरल सेक्रेटरी सैफुल्ला नियाजी भी इसी खानदान से हैं और इसके अलावा पाक क्रिकेट कैप्टन मिसबाह-उल-हक भी इसी खानदान से हैं।
नियाजी का जिक्र मतलब बेइज्जती
कहते हैं कि जब नियाजी ने अपने करीब 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर कर दिया, उसके बाद से ही नियाजी का जिक्र करना बेइज्जती सा समझा जाने लगा था। यह बात भी कम लोगों को पता थी कि इमरान खान का पूरा नाम इमरान खान नियाजी ही है।
फर्स्ट सेक्रेटरी ने इमरान को फटकार लगाते हुए कहा, ‘पीएम इमरान खान नियाजी आज के लोकतंत्र के पर्याय नहीं हैं। हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आप अपने इतिहास के ज्ञान को थोड़ा ताजा कर लें। यह हरगिज मत भूलिए कि पाकिस्तान में अपने ही लोगों के खिलाफ नरसंहार को अंजाम दिया जा रहा है।’
विदिशा का साहसिक कदम
इमरान को इस तरह से संबोधित करने पर लोग विदिशा की तारीफ कर रहे हैं। लोगों की मानें तो यह एक बहुत बड़ा राजनयिक फैसला था जो न सिर्फ विदिशा बल्कि भारत की भी एक बोल्ड छवि को सामने लेकर आया है। यूएन में भारत की युवा डिप्लोमैट, विदेश सेवा यानी इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर हैं। साल 2008 में उन्होंने परीक्षा पास की और साल 2009 में उन्हें विदेश मंत्रालय में बेस्ट ट्रेनी ऑफिसर का अवॉर्ड भी हासिल किया था। विदिशा ने सिविल सर्विसेज परीक्षा में पूरे देश में 39वीं रैंक हासिल की थी। वह, फिलहाल यूएन में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी हैं और साथ ही सबसे नई ऑफिसर भी हैं।