पदम पति शर्मा

गुजरात से मेरा नाता पिताश्री के माध्यम से आधी सदी पहले जुड़ा था। परमात्मा सदृश पिता काशीराम शास्त्री देश के जाने माने ज्योतिषी थे। गुरुवर की आज्ञा शिरोधार्य करते हुए कथावाचक हुए पिता ने देश में 170 महालक्ष्मी यज्ञ कराए और चढ़ावा उसी नगर की 12 वर्ष की कन्या को अर्पित किया। इसी मिशन के तहत उनका कारवां अहमदाबाद आया। मै 1964 में छात्र था। गर्मी की छुट्टियों में अनुज राधे के साथ पिता जी से मिलने पहुंचा था। तब गुजरात की इस दंगाग्रस्त राजधानी का मुख्य पर्यटन आकर्षण कांकरिया तालाब ही हुआ करता था जहां पिताजी के दो यज्ञ सम्पन्न हुए थे । आज स्पच्छ- निर्म जल धारा से इलाज रही साबरमती नदी तब बदबूदार नाले की शक्ल में थी। सच कहूं तो भगवान स्वामीनारायण के ज्येष्ठ पुत्र की धर्मपत्नी और हमारी बुआ से, जो मदन्नपूर्णा कुटुम्ब के पारिवारिक मित्र श्री काशी विश्वनाथ के महंत कैलाशपति तिवारी को बहन थीं और पिताजी के साथ बचपन में खेला करती थीं, से मुलाकात के अलावा इस नगर की कोई अन्य यादों के साथ काशी नहीं लौटा था।

मीडिया टीम गुजरात के लिए तैयार- वाराणसी एयरपोर्ट का वीआईपी कक्ष में

कालान्तर में गुजरात आने के अनेक मौके मिले और मैने इस राज्य को तेजी से समृद्ध के नये सोपान गढ़ते देखा। मेरी कजिन सरिता की ससुराल अहमदाबाद था और मझली बुआ के सुपुत्र चिरंजी बतौर आडिटर एक बीमा कंपनी में गुजरात के भिन्न शहरों में रहा। उसके पास तेजी से विकास के नूतन आयाम रच रहे शहर बड़ोदरा जाने का कई बार सुयोग हाथ लगा। यही नहीं एक दशक पहले टेलीविजन चैनल पर विशेषज्ञ के रूप में आईपीएल के आधी रात तक चलने वाले शोज की थकान मिटाने के लिए गुजरात के एकमात्र हिल स्टेशन रमणीक सापूतारा ( नागलोक) में, जहां सर्प की अनगिनत प्रजातियां पाई जाती हैं, सपत्नीक बिताया एक सप्ताह जीवन का यादगार पल यदि कहूं तो अतिशयोक्ति नही होगा।

गुजरात बीते दो दशकों के दौरान औद्योगिक दृष्टि से किन ऊंचाइयों का स्पर्श कर रहा है यह बताने की जरूरत नहीं, पर्यटन के क्षेत्र में भी उसकी एक अलग पहचान बनी है, इसका भी जायजा लेना है। गुजरात पर्यटन मंत्रालय के आमंत्रण पर वाराणसी के पत्रकारों की टीम आज यानी चार फरवरी को छह दिवसीय दौरे पर रवाना हो रही है। गुजरात माडल में पर्यटन की भूमिका और सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के बहुचर्चित स्लोगन ” कच्‍छ नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा, कुछ दिन गुजारिए गुजरात में ” की पड़ताल के लिए शाम सवा चार बजे विस्तारा एयरलाइंस के विमान से हम एक दर्जन पत्रकार मुम्बई जा रहे हैं, पांच फरवरी की सुबह सवा छह बजे मुम्बई से भुज की फ्लाइट मिलेगी, टूर की शुरुआत 2001 में 51 वें गणतंत्र दिवस पर आए विनाशकारी भूकंप की त्रासदी झेलने के उपरांत आन बान शान के साथ उठ खड़े सुए कच्छ से ही होनी है और समापन होगा अहमदाबाद में। आपको हर दिन रुबरू कराता रहूंगा इस दौरे के सच से।