पदमपति शर्मा :

इस बार की दिल्ली यात्रा विशेष महत्व रखती थी। अर्थक्रांति ट्रस्ट के तत्वावधान में देश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाए जा रहे जीवन गौरव सम्मान अभियान को लेकर आगामी 25 सितंबर को पुणे के जाने माने मैरी गोल्ड आडीटोरियम में “वरिष्ठ नागरिक राष्ट्रीय धरोहर” थीम पर जिस भव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया है उसके मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद जी होंगे। बताने की जरूरत नहीं कि राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होते हैं। भले ही वह निवर्तमान ही क्यों न हो चुके हों, उनकी सुरक्षा अत्यंत अहम है। प्रोटोकाल के तहत सुरक्षा क्लीयरेंस मिलने के बाद कहीं खाकर इस कार्यक्रम के लिए महामहिम की स्वीकृति मिली।

बांए से प्रथम – आपका नाचीज पदमपति शर्मा, महामहिम रामनाथ कोविंद जी, विजय देशमुख और सुहास पटवर्धन

महामहिम रामनाथ कोविद जी को आयोजन समिति की ओर से निमंत्रण पत्र सौंपना मेरी इस यात्रा का अभीष्ट था। विस्तारा की फ्लाइट से शाम पांच बजे दिल्ली पहुंचा। आईटीओ स्थित एएआईपी हास्टल में शाम सात बजे चेक इन किया। हमारे दो अन्य सहयोगी अर्थ क्रान्ति ट्रस्ट के कर्ताधर्ताओ में एक व जीवन गौरव सम्मान अभियान के समन्वयक श्री विजय देशमुख के अलावा महाराष्ट्र की 16 हजार हाउसिंग सोसाइटी फेडरेशन के चेयरमैन व महाराष्ट्र क्रिकेट संघ की वित्तीय समिति के साथ ही अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े समाजसेवी सुहास पटवर्धन जी पहले ही आ चुके थे।

सुबह नाश्ता करने के पश्चात हम तीनो महामहिम से मिलने के लिए 12 जनपथ के लिए रवाना हुए। पूर्वाह्न 11बजे का समय दिया गया था । हम लोग नियत समय से पंद्रह मिनट पहले ही महामहिम के निवासस्थल पर हाजिर हो गए। वहां हमारा स्वागत अतिरिक्त सचिव अमरजीत सिंह जी ने किया। युवा अमरजीत भाई काशीवासी हैं इसलिए हमारा उनसे कुछ दिन पहले ही आत्मिक जुड़ाव हो चुका था ।

खैर, ठीक ग्यारह बजे हमे बुलावा आ गया। हमारे समक्ष मौजूद थे महामहिम रामनाथ कोविद जी। हमने उनको पहले निमंत्रण पत्र सौंपा और फिर शुरू हुई बातचीत जो लगभग 45 मिनट से भी ज्यादा समय तक चली। विजय जी ने पहले वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाए जा रहे
अभियान के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि इसके लिए दस हजार रुपये हर महीने मानदेय देने के लिए राशि का इंतजाम कैसे होगा और इसके सरकार को क्या लाभ होगा। “वरिष्ठ नागरिक राष्ट्रीय संपदा” थीम पर महामहिम का कहना था कि एसेट शब्द तो ठीक है पर संपदा खटकने वाला है। इसके स्थान पर धरोहर शब्द रखने का मेरा सुझाव पूर्व राष्ट्रपति जी ने मान लिया । हमने उनको थीम मे संपदा के स्थान पर धरोहर जोड़ने का वचन दे दिया।

महामहिम को अर्थ क्रान्ति के बारे में भी हमने विस्तृत जानकारी दी। इस अर्थ नीति के बारे में जानकर आप खासे प्रभावित नजर आए। उन्होने एक सवाल पूछा, ” वर्तमान सरकार की ओर से भष्टाचार निवारण के लिए कौन सबसे सार्थक कदम उठाया गया ?” हमारी ओर से जवाब आया “जन धन योजना” । इस योजना के तहत देश के निर्बल वर्ग के बैंक खाते खुल जाने से अब सरकार की ओर से भेजी गयी शत प्रतिशत राशि सीधे उनके खाते में जाने लगी। अर्थ क्रान्ति की अवधारणा मे यह योजना सबसे जरूरी थी भी। उनको बैंक ट्रांजेक्शन टैक्स के बारे मे भी बताया गया और इसी के तहत ट्रस्ट की ओर से सरकार को पेट्रोल- ढीजल के दाम करने के लिए जादुई फार्मूले के बारें में भी जानकारी दी और मैने बताया कि विगत पांच अप्रैल को माननीय प्रधानमंत्री जी को एक व्यक्तिगत पत्र भी लिखा था लेकिन आज तक उनकी ओर से कोई जवाब नही आया। यदि फार्मूला सरकार लागू कर देती तो पेट्रोल- डीजल के दाम क्रमशः 45 और 40 रुपये प्रति लीटर हो जाते।

महामहिम ये सुनकर काफी गंभीर हो गए। उन्होंने कहा कि इस अभियान से देश की चुनिंदा हस्तियों को जोड़ने में मै अपनी ओर से भरसक प्रयास करूंगा।

जिस फार्मूले की उनसे चर्चा की उसका यहां सार्वजनिक खुलासा नहीं किया सकता । खैर, मीटिंग की समाप्ति के पश्चात मेरे करीब आकर महामहिम ने स्नेहसिक्त झिड़की देते हुए कहा- पदम जी वेट कम कीजिये। उनकी यह झिड़की दिल को छू गयी। मैने जवाब मे कहा, ” सर , आप तो उसी शाम पुणे से लौट आएंगे लेकिन मै वहीं रुक कर 15 दिनो तक महात्मा गांधी नेचरोपैथ संस्थान में आपके आदेश का पालन करूंगा। मेरी बात सुनकर महामहिम ने हल्की मुस्कान के साथ हम सभी को विदा किया। मैं वहीं से सीधा एयरपोर्ट के लिए निकल गया और शाम साढे चार बजे इंडिगो की फ्लाइट से वाराणसी लौट आया। 24 घंटों की यह यात्रा काफी थकान तो दे गयी पर थी काफी लाभप्रद।