किसानों के लिए बागवानी परियोजनाओं की स्वीकृति हुई

सरल, 8 माह के बजाय मात्र 45 दिनों में मिलेगी मंजूरी

एनएचबी के 2100 करोड़ रु. के नए स्वच्छ पौध कार्यक्रम से रोपण सामग्री की समस्या होगी हल

नई दिल्ली, 14 दिसंबर 2022, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के निदेशक मंडल की 32वीं बैठक आज कृषि भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा बोर्ड के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई। इसमें निर्णय लिया गया है कि किसानों के लिए बागवानी परियोजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया सरल की जाएगी। इसके तहत स्वीकृति की प्रक्रिया दो चरण के बजाय अब एक ही बार में संपन्न हो जाएगी और यह पूरी तरह से डिजिटली होगी, साथ ही कम से कम दस्तावेजों की जरूरत रहेगी, जिससे किसानों को परेशानी नहीं आएगी। महत्वपूर्ण यह भी है कि अभी तक जो अनेक परियोजनाएं लगभग 6 से 8 महीने की समयावधि में स्वीकृत हो पाती थी, वे अब मात्र 45 दिनों में मंजूर कर दी जाएगी।

इस प्रक्रिया पर अनुवर्ती कार्यवाही के रूप में, योजना डिजाइन, आवेदन फाइलिंग प्रणाली, प्रलेखन (डॉक्‍यूमेंटेशन) तथा मंजूरी प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है। नया सरल डिजाइन एक जनवरी 2023 से लागू होगा। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने उम्मीद जताई है कि यह प्रक्रिया कृषक समुदाय के लाभ के लिए व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने हेतु प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगी तथा एनएचबी वित्त पोषण के लिए अधिक से अधिक उच्च तकनीक वाणिज्यिक परियोजनाएं सृजित करेगा। नए डिजाइन में एनएचबी ने अपनी क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजनाओं के साथ कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना के अभिसरण (कन्‍वर्जेन्‍स) को बढ़ावा देने के लिए भी पहल की है।

            बैठक में एनएचबी की एक नई पहल- स्वच्छ पौध कार्यक्रम के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई, जिसके तहत एशियन विकास बैंक (एडीबी) की सहायता से 2100 करोड़ रुपए के खर्च से किसानों के लिए पौधारोपण सामग्री की उपलब्धता की समस्या हल की जाएगी। इससे, विशेषकर व्यवसायिक रूप से महत्वपूर्ण अनेक फलों के लिए रोपण सामग्री की दिक्कत का अधिकांशतः समाधान हो जाएगा। यह कार्यक्रम देश में बागवानी फसलों के लिए बहुत ही जरूरी गुणवत्तायुक्‍त रोपण सामग्री पर ध्‍यान देने में एक बड़ा योगदान प्रदान करने का काम करेगा।

            एनएचबी के तहत जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक नया वर्टिकल सृजित किया गया है, जिससे जैविक क्षेत्र के सभी पहलुओं जैसे योजनाओं का पर्यवेक्षण-निगरानी, क्षेत्र विस्तार-उत्पादन, मूल्य श्रंखला विकास के लिए बाजार को बढ़ावा देना व बुनियादी ढांचा तैयार करना आदि पर काम किया जाएगा। इस बैठक में बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे क्लस्टर विकास कार्यक्रम की प्रगति पर भी चर्चा हुई, जिस पर यह फैसला लिया गया है कि आवेदनों पर शीघ्रातिशीघ्र अनुमोदन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बैठक में निदेशक मंडल की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुमोदन किया गया।

            बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी व सुश्री शोभा करंदलाजे, सचिव श्री मनोज अहूजा, अपर सचिव श्री अभिलक्ष लिखी, संयुक्त सचिव श्री प्रियरंजन, शासकीय-अशासकीय सदस्यगणों ने सुझाव पेश किए।