नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी है। उनको एक हफ्ते के अंदर आत्मसमर्पण करना होगा। आशीष मिश्रा गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। लखीमपुर में जो किसानों पर गाड़ी चढ़ी थी, उस मामले में आशीष मिश्रा का नाम आया था।

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

आशीष मिश्रा को इलाहबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी, जिसको अब सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज किया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा। पीड़ित पक्ष की सुनी नहीं गई।

फिर से विचार करे हाईकोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट को फिर से विचार करना चाहिए। वहीं पीड़ित पक्षकारों के वकील दुष्यंत दवे ने आग्रह किया कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट कहे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मैटर जाए। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना ठीक नहीं होगा। हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे।

3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश SIT ने 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। एसआईटी ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया था। इतना ही नहीं एसआईटी के मुताबिक, आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था।।इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फरवरी में आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी.

जमानत के खिलाफ पीड़ित परिवारों के लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. फिर चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।