भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में फैसला नहीं हो सका

कमलनाथ बोले, हम बहुमत साबित करेंगे

विशेष संवाददाता

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उनका शाम को बीजेपी में शामिल होना टल गया और अब वे 12 मार्च को भोपाल में बीजेपी का दामन थामेंगे। इस बीच यह भी खबर उड़ रही है कि सिंधिया बुधवार को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उधर कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद यह दावा किया गया कि 94 विधायक शामिल थे और 4 निर्दल भी साथ थे। राज्य की इंचार्ज शोभा ओझा ने कहा कि जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया था, उनका कहना था कि उनसे कुछ और कहा गया था। इन विरोधाभासी बयानों के बीच अब भोपाल पर फोकस आ गया है। कमलनाथ ने तो यहां तक कह दिया कि मध्यावधि चुनाव के सभी तैयार रहें। वैसे आज कमलनाथ के यहाँ हुई बैठक मे 26 विधायक गैरहाजिर थे।

सुबह सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़ने का होली बम फोड़ा तो उसकी गूंज से कांग्रेस की राजनीति की इमारत हिल गई। उधर बंगलुरु में ठहरे उनके समर्थकों ने यक के वाद दीगरे पद से मुस्तहफी होना शुरू कर दिया। दोपहर तक संख्या 22 तक पहुंच गई।

भूपेन्द्र सिंह

भाजपा के भूपेन्द्र सिंह बंगलुरू से कांग्रेस के 19 विधायकों के इस्तीफे लेकर स्पीकर एम पी प्रजापति के पास पहुंचे। उन्होने कहा कि इनके अलावा पांच और कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होने कहा कि सपा और बसपा के विधायक भी भाजपा के साथ है। उन्होने यह भी दावा किया कि कुल 30 विधायकों का समर्थन पार्टी को मिलने जा रहा है।

शोभा ओझा

कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट की तैयारी कर रहे हैं। जिन बागी विधायकों की बात की जा रही है उनमे कई ने कहा कि उनको धोखे से बंगलुरू ले जाया गया है। उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं। सदन मे वे हमारे पक्ष में मतदान करेंगे। लेकिन उनके दावे मे ज्यादा दम नहीं नजर आ रहा है। भाजपा के पास 24 विधायक आ चुके हैं। इसलिए अब कांग्रेस के हाथ से देश के एक बडे राज्य का छिनना लगभग तय हो चुका है।

विपक्ष की भूमिका के लिए तैयार रहें- लक्ष्मण सिंह

दिग्विजय सिंह के अनुज विधायक लक्ष्मण सिंह ने स्वीकार किया कि कांग्रेस को अब सदन मे मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए। हम जनता के पास जाकर उन्हे बताएँगे कि हमें पांच साल पूरा नहीं करने दिया गया। चुनाव बाद हम फिर सत्ता मे वापसी करेगे।

राज्यपाल लाल जी टंडन इस समय लखनऊ में हैं और कानूनी सलाह ले रहे हैं। राज्यपाल 12 मार्च को भोपाल आएंगे। उधर भोपाल में कांग्रेस ने अपने विधायकों को महफूज स्थान पर रवाना कर दिया।

शिवराज, दिग्विजय और कमलनाथ

उधर भाजपा भी कम सतर्क नहीं है। उसने अपने सभी विधायकों को बस से दिल्ली रवाना कर दिया। बसपा और सपा के जो एक एक विधायक है वे भी शाम को शिवराज सिंह से मिले।

उधर दिल्ली में सिंधिया की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे का कहना था कि सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को फ्री हैंड दिया कि वो जो चाहें फैसला ले सकते हैं । मध्यावधि चुनाव की अभी कोई स्थिति नहीं है । अगर फ्लोर टेस्ट की बात आई तो सरकार तैयार है।

विधानसभा अध्यक्ष का कहना था कि विधायकों पर फैसला नियमो के अनुसार होगा। हो सकता है कि वो इस्तीफा देने वाले विधायकों को सशरीर मौजूद रहने को कहें।

नड्डा पर फैसला छोडा गया

इसके पहले दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। जिसमे राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा हुई। लेकिन कोई फैसला नही हुआ। फैसला अध्यक्ष नड्डा पर छोड दिया गया। समझा जाता है कि ये राय बन गई कि 13 को सिंधिया से रास का पर्चा भरवाया जाय।

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