स्टॉकहोम। स्वीडन में धुर-दक्षिणपंथी और आप्रवासी विरोधी समूहों द्वारा मुसलमानों के धर्म ग्रंथ क़ुरान को जलाने की घटना के बाद कई शहरों में चौथे दिन भी झड़पें हुईं हैं.

स्थानीय मीडिया ने बताया है कि पूर्वी शहर नोरेशेपिंग में लगातार रविवार को भी दंगे हुए जिसमे पुलिस ने दंगाइयों को चेतावनी देते हुए उन पर गोलियां चलाई थीं जिसमें तीन लोग घायल हुए हैं।

कई वाहनों में आग लगा दी गई जबकि कम से कम 17 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

वहीं शनिवार को दक्षिणी शहर मालमा में धुर-दक्षिणपंथी रैली के दौरान हुई हिंसा में कई वाहनों समेत एक बस को आग के हवाले कर दिया गया था।

इससे पहले ईरान और इराक़ सरकार ने अपने यहां मौजूद राजनयिकों को क़ुरान जलाने के बाद हुई प्रदर्शन को लेकर तलब किया था।

क़ुरान जलाने को लेकर आंदोलन

हार्ड लाइन आंदोलन के प्रमुख और डेनिश-स्वीडिश चरमपंथी रसमुस पालूदान ने कहा है कि उन्होंने इस्लाम के सबसे पवित्र मूलपाठ को जलाया है और वो अपने इस काम को दोहराएंगे।

धुर-दक्षिणपंथी समूह ने जहां-जहां कार्यक्रम आयोजित किए हैं वहां पर गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को झड़पें हुई हैं जिनमें कम से कम 16 पुलिस अफ़सर घायल हुए हैं और कई पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। स्टॉकहोम के उपनगरों और लिनशेपिंग और नोरेशेपिंग जैसे शहरों में ये घटनाएं हुई हैं।

डॉएचे वैले ने रिपोर्ट किया है कि रविवार को पालूदान ने नोरेशेपिंग में एक अन्य रैली की चेतावनी दी थी जिसके बाद इसके विरोध में भी प्रदर्शन करने के लिए लोग इकट्ठा हुए थे।

स्थानीय पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि हमले की ज़द में आने के बाद उन्होंने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं और तीन लोग इस दौरान घायल हुए।