नई दिल्ली। पाकिस्तानी समाजसेवी बिलकिस बानो इदी का शुक्रवार को कराची के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 74 वर्ष की थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM ने शनिवार को उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। बिलकिस अपने समाजसेवी पति स्वर्गीय अब्दुल सत्तार इदी के साथ समाजसेवा का काम करती थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट करते हुए अपने ट्वीट में कहा, ‘‘बिलकिस इदी के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदनाएं। मानवीय कार्यों के लिए उनके जीवन भर के समर्पण ने दुनिया भर के लोगों के जीवन को प्रभावित किया। भारत में भी लोग उन्हें प्रेमपूर्वक याद करते हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले। ’

पीएम मोदी के साथ साथ भारतीय उच्चायोग ने भी बिलकिस बानों इदी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे फैसल इदी ने की थी। उनके निधन पर ईदी फाउंडेशन ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि वह बिलकिस बानो कई बीमारियों से पीड़ित थीं। उनके निधन पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और पूर्व पीएम इमरान खान ने भी शोक प्रकट किया।

बिलकिस ने अब्दुल सत्तार इदी फाउंडेशन नामक एक कल्याणकारी संगठन की स्थापना के लिए अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। इस फाउंडेशन ने कई क्षेत्रों में अपने मानवीय कार्यों के लिए दुनिया भर में ख्याति प्राप्त की। 1986 में बिलकिस बानो को पति के साथ रेमन मैग्सेस अवार्ड से से सम्मानित किया गया था।।इसके बाद बिलकिस बानो इदी को 2015 में मदर टेरेसा मेमोरियल इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

भारत की गीता को लिया था गोद

बिलकिस बानो को भारत की गीता की मा के तौर पर भी जाना जाता है. लाहौर में समझौता एक्स्प्रेस में मिली आठ साल की दिव्यांग बच्ची गीता को बिलकिस बानो ने गोल लिया था. बाद में गीता को 2015 में भारत वापस ले आया गया था.