पाकिस्तान में चीन ने ग्वादर बंदरगाह तो बना दिया लेकिन जहाजों की आवाजाही ना होने की वजह से सूना पड़ा हुआ है. इससे बीजिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट ऐंड रोड पर भी संदेह के बादल मंडराने लगे हैं.

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कॉस्को (चाइनीज ओशियन शिपिंग कंपनी) शिपिंग लाइन्स ने हाल ही में कराची से ग्वादर के बीच कंटेनर लाइनर सेवा बंद कर दी है. कंपनी ने कहा है कि जहाजों की कमी और अफगानिस्तान से समुद्री व्यापार में बंदरगाह का इस्तेमाल ना होने की वजह से उसने ये कदम उठाया है.

ग्वादर कस्टम में खामियों और शिपिंग की भारी-भरकम लागत की वजह से भी कॉस्को यह फैसला लेने के लिए मजबूर हुआ. कॉस्को ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की अपर्याप्त नीतियों और कदमों की वजह से ग्वादर का बाजार नहीं बन सका.

ग्वादर बंदरगाह को ऑपरेट कर रही और चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कॉरपोरेशन (COPHC) की शाखा ग्वादर इंटरनेशनल टर्मिनल लिमिटेड ने भी पाकिस्तानी अधिकारियों से हालिया घटनाक्रमों को लेकर निराशा जाहिर की है.

ग्वादर बंदरगाह पर मार्च 2018 में पहली कंटेनर लाइनर सेवा शुरू की गई थी. इसका मकसद अफगानिस्तान से व्यापार को साधने के अलावा, पाकिस्तान के भीतर समुद्री व्यापार को बढ़ावा देना था. हालांकि, ओमान सागर में स्थित चाबहार बंदरगाह अफगानिस्तान पहुंचने के समुद्री मार्ग के तौर पर तेजी से उभर रहा है. बता दें कि भारत चाबहार बंदरगाह के विस्तार और प्रबंधन में मदद कर रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक, अफगानिस्तान अपना कारोबार चाबहार बंदरगाह के जरिए कर रहा है जिससे पाक-अफगानिस्तान के बीच ग्वादर बंदरगाह से होने वाला व्यापार सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.

ग्वादर बंदरगाह की कंटेनर लाइनर सर्विस फलों, सब्जियों, संगमरमरों व अन्य खनिज पदार्थों के समुद्री व्यापार को बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद सारी योजनाएं धरी की धरी रह गईं.

ग्वादर बंदरगाह से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ग्वादर पर साप्ताहिक तौर पर आने वाले जहाजों को COPHC से भारी सब्सिडी दी जा रही थी. जहाजों की कम आवाजाही और बहुत ही कम कंटेनर लोड होने की वजह से कॉस्को ने हाथ खड़े कर दिए हैं. ग्वादर बंदरगाह की आर्थिक व्यावहारिकता पर पहले से ही सवाल खड़े किए जाते रहे हैं. अब वही आशंकाएं सच साबित हो रही है.

COPHC (चाइनीज ओवरसीज पोर्ट्स होल्डिंग कंपनी) ने पाकिस्तानी अधिकारियों को सूचित कर दिया है कि पाकिस्तान के बंदरगाहों के अंदर नई लाइनर सर्विस शुरू करना मुमकिन नहीं होगा.

चीन से सब्सिडी पर चलाए जा रहे ग्वादर कंटेनर सेवा का इस्तेमाल मुख्यत: चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) से संबंधित मशीनरी व अन्य सामान को ढोने में किया जा रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि ये घटनाक्रम चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि ग्वादर इस पूरी परियोजना का ताज है.
आजतक