राज्य सरकार ने प्रदेश में आरक्षित जमीनों पर बड़ी परियोजनाओं को लगाने का रास्ता साफ कर दिया है। आरक्षित जमीनों को सामान्य जमीन से बदलने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी का अधिकार मंडलायुक्तों को दे दिया गया है। अभी तक इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का अधिकार राजस्व विभाग शासन के पास था। 

अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार प्रदेश के निवेश को बढ़ावा देने के लिए जमीन की आसानी से व्यवस्था कराना चाहती है। इसके लिए आरक्षित जमीनों पर बड़ी परियोजनाएं लगाने की सुविधा देने के लिए राजस्व संहिता में व्यवस्था की गई है। 

इसके मुताबिक निजी विश्वविद्यालय पीपीपी मॉडल पर बनने वाले निजी मेडिकल कॉलेज और वो निवेश परियोजनाएं जिन्हें सरकार की विभिन्न नीतियों के तहत लेटर ऑफ कंर्फ्ट जारी किया गया है। इन परियोजनाओं को अगर आरक्षित जमीनों पर शुरू करना है तो इसके एवज में उतनी की सामान्य जमीन को आरक्षित करने की अनुमति मंडलायुक्त दे सकेंगे।

राजस्व विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक तत्काल प्रभाव से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस तरह के जितने भी प्रस्ताव होंगे, उसे मंडल स्तर पर ही निस्तारित किया जाएगा, जिससे बड़ी परियोजनाएं लगाने का रास्ता साफ हो सके।

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