राजधानी में केजरीवाल सरकार का दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के कुलपति का चयन अब विवादों में घिर गया हैं। जो केजरीवाल कभी, सभी राजनीतिक दलों की ईमानदारी पर प्रश्न उठाते थे , देश से भ्रष्टाचार मिटाने की बाते करते थे, आज उन्हीं पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि अब आम आदमी पार्टी, खास लोगों की पार्टी बन चुकी है और यह पार्टी सिर्फ चंद खास लोगों को ही अपनी सरकार मे नियुक्तियां दे रही है।
दरअसल यह पूरा मामला, हाल ही में,राजधानी की दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के चयन से जुड़ा हुआ है।
चलिए, आप सभी को एक- एक करके यह पूरा मामला समझाते है : किसी भी विश्वविद्यालय में कुलपति बनने के लिए यूजीसी के नियम 7.3 के अनुसार कम से कम 10 वर्षों का प्रोफेसर का अनुभव होना अनिवार्य है।
हाल ही में उच्चतम न्यायलय ने, 10 वर्षों से कम प्रोफेसर पद का अनुभव होने के कारण गुजरात के सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति का चयन रद्द कर दिया था। इसे प्रायः देश के सभी अखबारों ने 3 मार्च 2022 को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।