नगर संवाददाता
वाराणसी। दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो अपने अनूठे अंदाज़ और अनूठे कारनामे के लिये मशहूर हैं। वाराणसी में भी एक ऐसा शख्स है जो अपने अनूठी दिनचर्या के चलते चर्चा के केंद्र में है।
वाराणसी के छताव गाँव के कैलाश सिंह उर्फ़ कल्लन सिंह एक ऐसा हठयोगी किसान है जिसने पिछले 45 सालों से स्नान नहीं किया और न ही उसने अपनी दाढ़ी मूछे बनवाई। गर्मी हो या जाड़ा बदन पर स्वेटर डाले रहना इनका शौक है। अग्नि स्नान करना इनकी दिनचर्या में शुमार है। मूछ 6.6 फुट व जटा 7.60 फुट लम्बी हो चुकी हैं. मगर इसके साथ ही वो लगातार सामान्य तरीके से जिन्दगी जी रहे हैं। घरवालों की माने तो वे इनके न नहाने और अजब गजब शौक से शुरुआत में बेहद परेशान थे लेकिन अब आदत बन गयी है … कल्लन के इस रूप धरने के पीछे कारण उनकी पुत्र रत्न की प्राप्ति की इच्छा बताई जाती है लेकिन वो खुद इस आरोप को निराधार बता रहे है।
वाराणसी के छताव गाँव में लड़कियों की शादी में रस्म रिवाज के साथ बैंड बाजा बजना कोई नया नहीं है। लोग सामाजिक बंदिशों के चलते वो सब करते हैं जो किया जाना जरूरी है। मगर इसी गाँव में कल्लन सिंह ऐसे शख्स है जिसने तमाम बंदिशों को तोड़ अलग ही रूप धर लिया। इसके पीछे जो कारण बताया जाता है वो ये की कल्लन सिंह की सात संतानों में से कोई भी बेटा नहीं है। पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिये इन्होने संकल्प लिया और मन्नत की थी की वो तभी स्नान ध्यान कर दाढ़ी मुछ बनवायेंगे जब बेटा इनके घर किलकारी लेगा। 45 साल का वक्त बीत गया मगर इनके घर बेटा नहीं हुआ। साथ ही इन्होने न स्नान किया और ना ही दाढ़ी मोछ बनवाई। हालाँकि कल्लन की माने तो उन्हें अपनी इस क्रिया से शक्ति मिलती है। अग्नि स्नान और इस ध्यान की वजह से कभी कोई रोग नहीं होता। मगर ये अपना संकल्प आज भी खुल कर नहीं बताते…!
45 सालों से अग्नि स्नान करने वाले हठयोगी बाबा कल्लन सिंह ने 45 सालों से जल स्नान नही किया। बताते हैं कि एकबार इनके पैरों में घुटने तक कींचड़ लग गया था मगर इन्होंने उसे पानी से नहीं धोया। जबकि एकबार बरसात के दिनों में नहर पर करना मजबूरी हो गया था मगर इन्होंने हार नहीं मानी और किसी व्यक्ति ने इन्हें कंधे पर नहर पर कराया। जिसके लिए बाबा ने उसे मजदूरी भी दी थी।
कल्लन सिंह के रूप की बात करें तो इनकी मुछे अब 6.60 फुट लम्बी और सर की जटा 7.60 फिट की हैं। हालांकि जटा किसी वजह से थोड़ी सी काटनी पड़ी थी जिसकी लंबाई अब 5.60 फुट रह गई है। इसे ये अपनी कमर के चारों ओर गर्म कपडे से बांध कर रखते हैं। घर हो या बाहर,गर्मी हो या जाड़ा ये हमेशा गर्म कपड़ो का इस्तेमाल ही करते हैं। यही नहीं रोजाना शाम को ये अग्नि से शरीर को ताप कर अग्नि स्नान भी करते हैं। इनका दावा है की इससे इनके शरीर में उर्जा का संचार होता है। इनको आज तक कोई भी गंभीर रोग नहीं हुआ…!
कल्लन सिंह 7 लड़कियों के पिता है। इनमे से 6 की शादी हो चुकी है। 2 लडकियां मुंबई में रहती हैं। पत्नी कलावती और सारी लडकियां चाहती हैं की उनके पति और पिता ये रूप छोड़ दे। इससे उनके शादी ब्याह में भी दिक्कतें आती हैं। मगर इन्होने जब भी उनके इस रूप से बाहर निकालने की कोशिश की पिता की आत्महत्या करने की धमकी से सहम गई। यही नहीं ये राखी सावंत की अजब देश की गजब कहानी पे भी भाग ले चुके है। कल्लन विदेशी मीडिया में भी काफी लोकप्रिय हैं। जिनके लिए आस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया और इंग्लैंड जैसे देशों के पत्रकार डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं।
अब कैलाश सिंह उर्फ़ कल्लन सिंह सारी जिन्दगी यूँ ही गुजर जाने को लेकर भी गमजदा नहीं है। उनकी माने तो जिस दिन उनकी मनोवांछित इच्छा पूरी हो जायेगी वो इस रूप से बाहर निकल आयेंगे। मगर ग्रामीणों और घरवालों को अब इसकी उम्मीद नहीं है। वो तो बस इतना ही चाहते हैं की अब चाहे जो भी रूप हो वो लम्बी उम्र पायें। यही तमन्ना है। मगर गाँव के लोगों की माने तो कैलाश के इस रूप से गाँव के बारे में भले ही लोगों ने जान लिया मगर उनका ये रूप कई बार उनके नाते रिश्तेदारों के बीच उपेक्षा का विषय भी बन जाता है।
अब तक देश विदेश से हजारों लोग इस अनूठे रूप वाले शख्स को देखने आ चुका है। साइबर की दुनिया में भी इस व्यक्ति ने अपने अनूठे कारनामे से नाम दर्ज करा लिया है। कल्लन की उम्र 75 साल है और ये अपनी सामान्य दिनचर्या में जानवरों को पालने से लेकर खेती बाड़ी सब कुछ करते हैं। मगर कभी भी पानी से स्नान नहीं करते। हालाँकि अब ये उम्र के इस पड़ाव पर हैं जहाँ पुत्र रत्न की प्राप्ति भी शायद ही सम्भाव है। इनकी आखिरी संतान 17 साल पहले हुई जो पूजा है। घर में पत्नी कलावती हैं। दो बेटियाँ हिरन सिंह और प्रीति सिंह मुंबई के नाला सोपारा और खार में रहती हैं। बड़ी बेटी बेबी सिंह, किरण सिंह नीतू सिंह और अलका अपने ससुराल में रहती हैं। जबकि पूजा अभी भी अपने माँ बाप के साथ वाराणसी शहर से 45 किलोमीटर दूर पिंडरा ब्लाक के छताव में रहती हैं।