वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही की मुख्य बातें
एकल प्रदर्शन:
• वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले बिक्री 8% बढ़कर 256,664 टन रही
• वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले आय 25% बढ़कर 4,815 करोड़ रूपये रही
• वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले एबिट्डा 23% बढ़कर 711 करोड़ रूपये रहा
• वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले मुनाफा (पैट) 271 करोड़ रूपये से 34% बढ़कर 363 करोड़ रूपये रहा
• कुल ऋण 1,564 करोड़ रूपये रहा
• ब्याज लागत सालाना स्तर पर 37% घटी
समेकित प्रदर्शन:
• वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले आय 25% बढ़कर 5,027 करोड़ रूपये रही
• वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले एबिट्डा 24% बढ़कर 748 करोड़ रूपये रहा
• वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले मुनाफा (पैट) 35% बढ़कर 412 करोड़ रूपये रहा
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर, 2021: जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) के निदेशक मंडल ने आज वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही के अलेखापरीक्षित वित्तीय परिणाम को मंज़ूरी दी। वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के दौरान कोविड की दूसरी लहर के बाद, मांग में बढ़ौतरी हुई और समीक्षाधीन तिमाही में बिक्री पिछली तिमाही के मुकाबले 8% बढ़कर 256,664 टन हो गई। कच्चे माल के मूल्य दूसरी तिमाही में लगातार बढ़ते रहे। वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में निकल की औसत एलएमई कीमत 10% और फेरो-क्रोम की कीमत 21% बढ़ी, जिसका इन्वेंट्री मूल्यांकन पर सकारात्मक प्रभाव हुआ। इसके साथ, एक बेहतर मात्रा मिश्रण के चलते समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का एबिट्डा वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के मुकाबले 23% बढ़ा। एकल आधार पर जेएसएल का एबिट्डा 711 करोड़ रूपये और मुनाफा (पैट) 363 करोड़ रूपये रहे।
एकल आधार पर, 30 सितंबर 2021 को समाप्त छमाही के दौरान कंपनी की आय 8,656 करोड़ रुपये रही। एबिट्डा 1290 करोड़ रूपये और पैट 634 करोड़ रूपये रहे। 30 सितंबर 2021 तक कुल ऋण (समूह की जेएसएचएल कंपनी के ऋण के अलावा)1,564 करोड़ रूपये रहा। केन्द्रित पूंजी नियोजन से वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली छमाही के दौरान ब्याज लागत वित्त वर्ष 2020-2021 की पहली छमाही की तुलना में 37% घटकर 160 करोड़ रह गई।
समीक्षाधीन तिमाही के दौरान प्रोसेस इंडस्ट्री, पाइप एवं ट्यूब, रेलवे एवं वैगन और मेट्रो रेल जैसे सभी प्रमुख ऐंड-यूज़ क्षेत्रों में वृद्धि हुई जिससे स्टेनलेस स्टील की मांग मज़बूत रही। तिमाही के दौरान जैसे-जैसे निर्माण गतिविधि में तेज़ी आई, डुप्लेक्स और सुपर ऑस्टेनिटिक जैसे विशिष्ट स्टेनलेस स्टील ग्रेड की मांग बढ़ी, जहाँ जेएसएल स्थापित आपूर्तिकर्ता कंपनी है। सेमीकंडक्टर की कमी के कारण ऑटो क्षेत्र में प्रतीक्षा अवधि लंबी रही और बिक्री कमज़ोर रही। कंटेनर की कमी के कारण मौजूदा लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद, जेएसएल ने अपनी योजना और कच्चे माल की रणनीतिक सोर्सिंग के चलते मज़बूत परिचालन बनाये रखा।
घरेलू बाज़ारों पर ध्यान केन्द्रित कर, कंपनी ने अपनी चुस्त व्यापार रणनीति से कंपनी ने अपना निर्यात पहली तिमाही में 20% के मुकाबले दूसरी तिमाही में 23% कर लिया। इससे कंपनी को चीन और चीन द्वारा वित्तपोषित इंडोनेशियाई कंपनियों से स्टेनलेस स्टील के आयात में आ रही निरंतर उछाल से भी निपटने में मदद मिली। वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही में आयात का स्तर 20 प्रतिशत था जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया। तिमाही के दौरान बिक्री में घरेलू-निर्यात की हिस्सेदारी, क्रमिक और साल-दर-साल के आधार पर इस प्रकार रही-
भौगोलिक खंड वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही वित्त वर्ष 2020-2021 की दूसरी तिमाही
घरेलू 77% 80% 78%
निर्यात 23% 20% 22%
अन्य प्रमुख घटनाक्रम:
- सरकार ने एक प्रतिकूल कदम उठाते हुए चीन के मामले में काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) की निलंबन अवधि को 30 सितंबर, 2021 से पांच महीने आगे के लिए बढ़ा दिया। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने अब तक व्यापार उपचार महानिदेशालय वाणिज्य विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा इंडोनेशिया से स्टेनलेस स्टील के फ्लैट उत्पादों के आयात पर जारी जारी अंतिम निष्कर्ष अधिसूचित नहीं किए हैं। इससे घरेलू उद्योग प्रभावित हुआ है; अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 की अवधि के दौरान सालाना स्तर पर आयात में 115% की वृद्धि दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही में घरेलू बाज़ार में आयात की हिस्सेदारी 40% रही, जो वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही में 35% थी। आयात में बढ़ोतरी भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग की मध्यम और दीर्घकालिक संभावनाओं को नुकसान पहुंचाती है और यह एमएसएमई निर्माताओं को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी। घरेलू उद्योग इस मुद्दे पर सरकार से लगातार बातचीत कर रहा है।
- क्रिसिल रेटिंग्स ने दीर्घकालिक बैंक सुविधाओं पर ‘CRISIL A+/Stable’ रेटिंग की पुष्टि करते हुए जेएसएल की अल्पकालिक बैंक ऋण-सुविधाओं की रेटिंग को CRISIL A1′ से बढ़ाकर ‘CRISIL A1+’ कर दिया है। कंपनी को यह अपग्रेड अपने मज़बूत परिचालन, डिलीवरेज की गयी बैलेंस शीट और मध्यम अवधि में न्यूनतम दीर्घकालिक ऋण दायित्व के परिणामस्वरूप बेहतर तरलता और नकदी संचय के कारण मिला है।
- विलय पर अपडेट: जेएसएचएल के साथ विलय के लिए कंपनी की याचिका एनसीएलटी, चंडीगढ़ के पास अनुमोदन के लिए लंबित है।
- प्रोजेक्ट अपडेट: वित्त वर्ष 21-22 की पहली तिमाही में घोषित सभी ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजनाएं योजना के अनुरूप चल रही हैं।
वित्तीय प्रदर्शन सारांश:
(करोड़ रूपए में)
विवरण एकल समेकित
तिमाही-दर-तिमाही तुलना साल-दर-साल तुलना तिमाही-दर-तिमाही तुलना साल-दर-साल तुलना
वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तिमाही बदलाव वित्त वर्ष 2020-2021 की दूसरी तिमाही बदलाव वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली छमाही बदलाव वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही बदलाव
एसएस बिक्री मात्रा (एमटी) 2,56,664 2,37,852 8% 2,30,350 11% 2,56,664 2,37,852 8% 2,30,350 11%
कुल आय (शुद्ध) 4,815 3,841 25% 3,156 53% 5,027 4,033 25% 3,314 52%
एबिट्डा 711 580 23% 352 102% 748 601 24% 345 117%
मुनाफा (पैट) 363 271 34% 98 269% 412 306 35% 81 410%
समेकित आधार पर, वित्त वर्ष 2021-2022 दूसरी तिमाही में कम्पनी का पैट 412 करोड़ रूपये, एबिट्डा 748 करोड़ रूपये और शुद्ध आय 5,027 करोड़ रूपये रहे। चौथी औद्योगिक क्रांति (आईआर 4.0) की दिशा में आगे बढ़ते हुए, जेएसएल ने सैप-सक्षम डिजिटल ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इससे वास्तविक समय के आधार पर सूचनाओं के पारदर्शी आदान-प्रदान और अंतराल समय में कटौती द्वारा आपूर्ति श्रृंखला में सुधार आने की उम्मीद है।
प्रबंधन की टिप्पणी:
कंपनी के प्रदर्शन के बारे में जेएसएल के प्रबंध निदेशक, श्री अभ्युदय जिंदल ने कहा, “आर्थिक सुधार से समग्र व्यावसायिक दृष्टिकोण में सुधार आया है। एक बार फिर जेएसएल का प्रदर्शन मज़बूत रहा जो हमारी ठोस व्यापारिक बुनियाद का प्रमाण है। लॉजिस्टिक्स में अनिश्चितता और अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, हम भारत और विदेश में अपने ग्राहकों की सेवा करने में समर्थ हैं। ऐसे समय में जब बाज़ार चीन और इंडोनेशिया से आयात की भरमार से ग्रस्त है, उद्योग को सरकार से समयोचित पहल की उम्मीद है ताकि घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन मिले।”