राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में वर्षों पुराने हिंदू मंदिर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया है। स्थानीय लोग इससे बेहद आहत हैं। अशोक गहलोत सरकार के इस फैसले की वहाँ की जनता आलोचना कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 300 साल पुराने मंदिर को जमींदोज करने के लिए जेसीबी मशीन लाई गई थी। वहीं खबरों के मुताबिक, मंदिर के अंदर रखे शिवलिंग को भी ड्रिल मशीन का उपयोग करके उखाड़ दिया गया।

स्थानीय विधायक जौहरी लाल मीणा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कांग्रेस नगरपालिका विध्वंस अभियान को रोक सकती थी। उन्होंने कहा कि अगर 34 पार्षदों को उनके पास लाया जाता, तो वह विध्वंस अभियान को रोक सकते थे।

भारतीय जनता पार्टी राज्य में गहलोत सरकार पर 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़ने और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुँचाने का दोषी ठहरा रही है। भाजपा ने एक ट्वीट में कहा है कि जहाँगीरपुरी का बदला लेने के लिए अलवर के राजगढ़ में गहलोत सरकार ने शिव मंदिर ध्वस्त कर दिया।

हिंदू मंदिर के अलावा राजगढ़ के अधिकारियों ने मास्टरप्लान का हवाला देते हुए ‘सड़क चौड़ीकरण’ अभियान में 85 से अधिक हिंदू परिवारों के घरों को ध्वस्त कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार राजगढ़ नगरीय मास्टरप्लान के नाम पर नगर पालिका प्रशासन और अफसरों ने 85 दुकान-मकानों के साथ सौ से ज्यादा परिवारों की जिंदगी भी ध्वस्त कर दी। ये परिवार भूखे मरने के हालात में आ गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, नगर पालिका ईओ और एसडीएम का तर्क था कि मौके पर 60 फीट ही रोड है। जहाँ कम है, वहाँ मास्टरप्लान जितना चौड़ा करने को निर्माण तोड़े गए। नगर पालिका का यह तर्क हालाँकि दमदार नहीं है क्योंकि उसने खुद जो गौरव पथ बनाया है, उसमें भी औसत चौड़ाई 45 फीट नहीं है।

जिन स्थानीय लोगों के घरों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है, उन सभी के पास उनकी संपत्तियों के वैध दस्तावेज थे। इसके बावजूद नगर पालिका ने इनके मकानों को गिरा दिया है। वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में 17 अप्रैल से शुरू हुए इस अभियान में अब तक पुराने मंदिरों सहित 150 से अधिक घरों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है।