नई दिल्ली। अंग्रेज़ी अख़बार द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक एयरलाइंस संस्था आईएटीए का कहना है कि भारत की ओर से “चीन के नागरिकों को जारी किए गए टूरिस्ट वीज़ा अब मान्य नहीं हैं”।
हालांकि शीर्ष सरकारी अधिकारियों का कहना है कि भारत अभी भी चीनी नागरिकों को व्यापार, रोजगार, राजनयिक और आधिकारिक वीज़ा दे रहा है।
अख़बार लिखता है कि चीनी पर्यटकों को वीज़ा न देने का भारत का फ़ैसला भी चीन के उस क़दम के मद्देनजर आया है, जिसमें चीन ने 20,000 से अधिक भारतीय छात्रों को कोविड के कारण चीन छोड़कर आने के बाद अब तक वापस चीन लौटने की अनुमति नहीं दी है।
चीन ने थाईलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के छात्रों को लौटने की अनुमति दे दी है लेकिन भारतीय छात्रों को वेटिंग में रखा गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे के समय इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन बीजिंग ने अभी तक इस पर जवाब नहीं दिया है।
अख़बार लिखता है, यूके और कनाडा उन देशों में से हैं जिनके नागरिक ई-टूरिस्ट वीज़ा पर भारत नहीं आ सकते हैं, लेकिन उन देशों में भारतीय मिशनों की ओर से जारी नियमित पेपर वीज़ा पर वो भारत आ सकते हैं।
जापान और अमेरिका के नागरिकों को जारी किए गए वीज़ा को छोड़कर, 10 साल की वैधता वाले भारतीय टूरिस्ट वीज़ा भी अब मान्य नहीं हैं।
आईएटीए नियमित रूप से अपडेट जारी करता है ताकि एयरलाइंस को पता चले कि किन देशों के नागरिकों को किस वीज़ा पर किन देशों में उड़ान भरने की अनुमति है।
19 अप्रैल को जारी किया गया नया आईएटीए अपडेट भारत पर केंद्रित है। ये उन देशों के बारे में है, जिनके नागरिक ई-पर्यटक वीज़ा पर भारत की यात्रा नहीं कर सकते हैं। दो साल से अधिक के अंतराल के बाद, भारत ने 27 मार्च को 156 देशों के लिए इलेक्ट्रॉनिक पर्यटक वीज़ा सुविधा बहाल कर दी थी।