वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम चंद मिनटों में शुरु होगा। ये काम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे आज दोपहर 3 बजे से होगा। मस्जिद के दोनों तहखानों का भी सर्वे होगा, इनमें से एक तहखाने की चाभी प्रशासन के पास और दूसरे की चाभी मस्जिद पक्ष के पास है। इस पूरे सर्वे में तीन से चार दिन का समय लगने का अनुमान है। इस दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी होगी।
बता दें कि कोर्ट में पांच महिलाओं रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास और राखी सिंह की एक याचिका आई थी। पाचों याचिकाकर्ता महिलाओं ने कोर्ट से श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की अपील की थी। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए एडवोकेट अजय कुमार मिश्र को सर्वे कमिश्नर नियुक्त किया है। एडवोकेट अजय कुमार मिश्र को 10 मई को वाराणसी कोर्ट में रिपोर्ट दायर करनी है. वीडियोग्राफी और सर्वे के मद्देनजर स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
गौरतलब है कि सिविल जज सीडी रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने वादिनी राखी सिंह और पांच अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए अजय कुमार मिश्र एडवोकेट को सर्वे कमिश्नर नियुक्त किया है। दोनों पक्षों की मौजूदगी में ज्ञानवापी का वीडियोग्राफी और सर्वे किया जाएगा। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में मांग करते हुए कहा कि ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवता की प्रतिमाएं हैं। जिसके दर्शन पूजन करने के लिए उन्हें इजाजत दी जाए। बहरहाल आज ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की घड़ी आ गई है। सर्वे के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव की बिगड़ी तबीयत
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एसएस यासीन की तबीयत बिगड़ने की खबर है। एसएस यासीन ने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को घुसने नहीं देंगे। उनके इस बयान पर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा था कि ज्ञानवापी के विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार नहीं हो रहा है।
1937 में बनारस के तत्कालीन सिविल जज एस बी सिंह ने एक नहीं बल्कि दो बार मस्जिद परिसर और आसपास का स्वयं निरीक्षण किया था। पहली बार संबंधित मुकदमे की सुनवाई से पहले और दूसरा निरीक्षण फैसला सुनाने के पूर्व किया गया था।
उसी मुकदमे में अंग्रेजी सरकार ने दो विशेषज्ञों इतिहासकार डॉ परमात्मा सरन और इतिहासकार डॉ ए एस अल्टेकर को अदालत में गवाह के तौर पर प्रस्तुत किया था। इन दोनों ने भी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर, मस्जिद के नीचे स्थित तहखाने और पश्चिमी दीवार में प्राचीन मन्दिर के भग्नावशेषों का विस्तार से सर्वेक्षण और अध्ययन किया था। इस दौरान हरिहर पांडेय, गोविंद शर्मा मौजूद रहे।