यूपी पुलिस कभी अच्छे कामों के लिए सुर्खियों में आती है तो कभी वर्दी में गुंडागर्दी करते नजर आती है। ऐसे ही एक मामला प्रयागराज में दो दारोगा ने कर दिखाया। कर्नलगंज में छात्र सर्वेश यादव की पिटाई के मामले में आरोपी दोनों दरोगाओं ने बर्बरता की हदें पार कर दीं। वह चौकी में बंद कर छात्र पर आधे घंटे तक ताबड़तोड़ डंडे बरसाते रहे। बेतहाशा पिटाई से जब वह जमीन पर गिर गया तो उसे कहीं शिकायत करने पर फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने को धमकाते हुए भगा दिया। भुक्तभोगी ने खुद आपबीती बयां की। हाल यह रहा कि घंटों बाद भी वह दहशत में दिखा।
सर्वेश ने बताया कि घटना करीब 3.30 बजे की है। वह लाइब्रेरी से निकल ही रहा था तभी दोनों दरोगा हर्षवीर सिंह और सोहराब अहमद वहां आ धमके। उनके साथ एक सिपाही भी था। उन्होंने बिना कुछ पूछे ही उसका कॉलर पकड़ लिया और फिर उसे घसीटते हुए ले जाने लगे। उसने कारण पूछा तो धमकाया और फिर सीधे विवि चौकी में खींच ले गए। वहां पहुंचते ही दोनों प्लास्टिक के पाइप से बने डंडे से उसे पीटने लगे।
एक के बाद एक उस पर सैकड़ों डंडे बरसाए। इस दौरान गालियां भी देते रहे। इसके बाद उसे भगा दिया, लेकिन शिकायत करने पर जेल भेजने की धमकी भी दी। इसके बाद उसने अपने साथियों को जानकारी दी। आपबीती बयां करते वक्त घटना के करीब दो घंटे बाद भी छात्र दहशत में दिखा। उधर, जानकारी पर मिलने पर पहुंचे साथी छात्रों ने उसकी हालत देखी तो उनका गुस्सा फूट पड़ा।
इसके बाद वह सीधे कर्नलगंज थाने पहुंचे और घेराव कर दिया। उनकी मांग थी कि दोनों दरोगा को सस्पेंड किया जाए। जानकारी पर सीओ अजीत सिंह चौहान पहुंचे और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं हुए।
वहीं, बेतहाशा पिटाई से छात्र की चमड़ी उधड़ गई थी। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। पिटाई से उसकी पीठ, हाथ और कमर के नीचे काफी चोटें पहुंची थीं। छात्र ने अपनी चोटें भी दिखाईं।
सूत्रों का कहना है कि घटना की जानकारी पर जब अफसरों ने दोनों दरोगाओं से पूछताछ की तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। कहा कि वह अपराधी पकड़ने गए थे। इस दौरान गलतफहमी में छात्र को उठा लाए, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि गलतफहमी में लाए गए छात्र को उन्होंने पीटा क्यों तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए।
निर्दोष छात्र को चौकी में बंद कर पीटने के आरोपी दोनों दरोगा अपनी दबंगई के लिए खासे चर्चित रहे हैं। विवि चौकी प्रभारी हर्षवीर इसी तरह के एक मामले में पहले भी लाइन हाजिर हो चुका है। राजरूपपुर चौकी में तैनाती के दौरान उसने आईटीआई के छात्र को पुलिस चौकी में बंद कर पीटा था।
कसूर सिर्फ इतना था कि उस दिन पिता की जगह छात्र दुकान पर था और उसने दरोगा से चाय के पैसे मांग लिए थे। इसी तरह नाका चौकी प्रभारी सोहराब 25 जनवरी को रेलवे परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पीटने में भी शामिल था। दौड़ा-दौड़ाकर छात्रों की पिटाई करने का उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।