पाकिस्तान की कराची यूनिवर्सिटी में मंगलवार को हुए आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाली बलूचिस्तान की पहली महिला आत्मघाती हमलावर दो बच्चों की मां शैरी बलूच के बारे में अफगान पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख ने ट्वीट कर जानकारी दी है। ग्वाख के मुताबिक हमले में सामिल शैरी बलूच की उम्र 30 साल थी। उसने जूलॉजी में मास्टर डिग्री और एजुकेशन में एमफिल कर रखा था। वह एक स्कूल में पढ़ाती थी। शैरी बलूच बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की खतरनाक ‘मजीद ब्रिगेड’ की वॉलंटियर थी। उसने 2 साल पहले BLA को जॉइन किया था और खुद को आत्मघाती हमले में इस्तेमाल करने का आग्रह किया था।

अपने पीछे 2 बच्चों को छोड़ गई

शैरी बलूच के दो बच्चे (8 और 5 साल) हैं। उनके पति हबीतान बशीर बलूच एक डेंटिस्ट हैं हैं, जबकि पिता गवर्नमेंट सर्वेंट थे। शैरी बलूच के पति हबीतान बशीर बलूच ने एक अज्ञात स्थान से ट्वीट कर कहा कि वह अपनी पत्नी के इस निस्वार्थ काम से हैरान हैं लेकिन इसके साथ ही उसने ने जो किया है, उस पर गर्व भी है।

कराची यूनिवर्सिटी में किया था हमला

कराची यूनिवर्सिटी में मंगलवार को चीनी भाषा शिक्षण केंद्र के पास मंगलवार को बड़ा विस्फोट हुआ था. इस हमले में वैन में आ रहे 3 चीनी नागरिक और उनका पाकिस्तानी ड्राइवर मारा गया था। पाकिस्तान में चीनी दूतावास ने कराची यूनिवर्सिटी में हुए हुए विस्फोट की निंदा की है।

पीएम शहबाज शरीफ ने चीनी दूतावास जाकर जताया दुख

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ इस घटना के बाद चीन के दूतावास में गए और वहां पर चीनी राजदूत से मिलकर इस घटना पर शोक जताया। शहबाज ने कहा कि सरकार इस घटना के दोषियों को नहीं छोड़ेगी और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा। इस बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से परिसर को आज बंद रखने का फैसला लिया है.।

अब बलूचिस्तान आंदोलन में नया दौर शुरू

अफगान पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख ने कहा कि शैरी बलूच इतनी पढ़ी लिखी थी। उसका परिवार भी संभ्रांत वर्ग में आता था.म। उसके परिवार को पाकिस्तानी सेना ने कभी भी तंग नहीं किया था। इसके बावजूद उसने सुसाइड बॉम्बर बनकर चीनी नागरिकों को उड़ाने का फैसला किया. इससे पता चल रहा है कि बलूचिस्तान की आजादी का आंदोलन अब एक नए दौर में प्रवेश कर गया है। अब बलूचिस्तान का रहने वाला हर नागरिक इस लड़ाई में सबकुछ झोंकने से पीछे नहीं रहने वाला है।