दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार ने मामले में विचार करने को कहा।
दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी
दिल्ली हाइकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन करना कानून के तहत निषिद्ध नहीं है।
दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी भी धर्म को चुनने अधिकार है, यह उसका संविधान का अधिकार है, अगर किसी का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो यह एक अलग मुद्दा है।
दिल्ली हाइकोर्ट ने डाटा के लिए सोशल मीडिया का उदहारण देने पर याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा सोशल मीडिया डाटा नहीं है, इससे छेड़छाड़ की जा सकती है, 20 साल पहले हुई घटना को कल का बता कर पेश किया जाता है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा आपकी याचिका का आधार क्या है?रिकॉर्ड पर कोई डाटा नहीं है, कोई दस्तावेज़ नहीं है।