17 सितंबर को विक्रम की तस्वीर लेगा नासा का यान,दे सकता है विक्रम लैंडर से जुड़ी अहम जानकारी

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organisation – ISRO) के वैज्ञानिक अब भी अपने दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने में लगे हैं. इसरो की मदद के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) भी अपने डीप स्पेस नेटवर्क के तीन सेंटर्स से लगातार चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और लैंडर से संपर्क बनाए हुए है. इसके अलावा नासा अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के जरिए चांद के उस हिस्से की तस्वीरें भी लेगा, जहां विक्रम लैंडर गिरा हुआ है. 17 सितंबर यानी मंगलवार को नासा का LRO चांद के उस हिस्से से गुजरेगा, जहां विक्रम लैंडर है.

ऐसा माना जा रहा है कि नासा का लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर विक्रम लैंडर के बारे में कोई नई जानकारी दे. Aajtak.In से बात करते हुए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नोआ.ई.पेत्रो ने बताया कि चांद पर शाम होने लगी है. हमारा LRO विक्रम लैंडर की तस्वीरें तो लेगा, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि तस्वीरें स्पष्ट आएंगी. क्योंकि, शाम को सूरज की रोशनी कम होती है और ऐसे में चांद की सतह पर मौजूद किसी भी वस्तु की स्पष्ट तस्वीरें लेना चुनौतीपूर्ण काम होगा. लेकिन जो भी तस्वीरें आएंगी, उन्हें हम भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो से साझा करेंगे.

खगोलविद स्कॉट टायली ने कहा – विक्रम से नहीं मिल रहा है कोई जवाब

खगोलविद स्कॉट टायली ने भी कुछ दिन पहले ट्वीट कर विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित होने की संभावना जताई थी. लेकिन, अब वे भी यह कह रहे हैं कि विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है. जबकि, ऑर्बिटर लगातार उसे भेजे गए संदेशों का जवाब दे रहा है. स्कॉट टायली वही हैं, जिन्होंने साल 2018 में अमेरिका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकाला था. यह सैटेलाइट नासा ने 2000 में लॉन्च की थी, जिसके पांच साल बाद इससे संपर्क टूट गया था.

नासा के तीन डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना भेज रहे हैं विक्रम लैंडर को संदेश

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) भी अपने डीप स्पेस नेटवर्क के तीन सेंटर्स से लगातार चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और लैंडर से संपर्क बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ये तीन सेंटर्स हैं – स्पेन का मैड्रिड, अमेरिका के कैलिफोर्निया में गोल्डस्टोन और ऑस्ट्रेलिया का कैनबरा. इस तीन जगहों पर लगे ताकतवर एंटीना चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से तो संपर्क साध पा रहे हैं, लेकिन विक्रम लैंडर को भेजे जा रहे संदेशों का कोई जवाब नहीं आ रहा है. जबकि, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर उसे मिलने वाले संदेशों का जवाब दे रहा है.

आजतक

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