साल 1953 में बना बैकहो लोडर, जिसे अब ‘बुलडोजर’ कहा जाता है…किसे पता था की देश की राजनीति में हिट हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में बुलडोजर बाबा और मध्य प्रदेश में बुलडोजर मामा बदमाशों, अपराधियों, रसूखदारों और माफियाराज को खत्म करने के लिए बुलडोजर चला रहे हैं। दिल्ली में अतिक्रमियों के खिलाफ बुलडोजर चला तो कोर्ट आड़े आ गया। लेकिन राजस्थान की बात अलग है। यूपी-एमपी के मुख्यमंत्रियों के उलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बुलडोजर का इस्तेमाल हिंदुओं के आस्था स्थलों को ध्वस्त करने में कर रहे हैं।
गहलोत सरकार ने अलवर में तीन मंदिरों को बुलडोजर से ध्वस्त करवा दिया, जिनमें से एक शिव मंदिर तो 300 साल से ज्यादा पुराना था। यह पहला मौका नहीं है, जबकि गहलोत राज में हिंदू धर्म स्थल पर बुलडोजर चला हो, इससे कुछ समय पहले ही करोड़ों लोगों के श्रद्धा केंद्र सालासर बालाजी धाम के मार्ग पर स्थित राम दरबार को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया। बीजेपी ने राजस्थान में मंदिरों के तोड़े जाने पर सीएम गहलोत को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि औरंगजेब किसी भी धर्म व शक्ल में पैदा हो सकता है।
राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा बुलडोजर से सदियों पुराने आस्था स्थलों को तोड़े जाने से हिंदुओं में सरकार के खिलाफ काफी रोष है। बीजेपी ने भी कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि जहांगीरपुरी दिल्ली में मस्ज़िद के बाहर अतिक्रमण हटाने से इस्लाम खतरे में आ गया था। अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को ध्वस्त कर क्या सीएम अशोक गहलोत ने धर्मनिरपेक्षता की पताका फहराई है ? भाजपा ने पूछा है कि क्या मंदिरों पर बुलडोजर चलाना ही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है?
अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़ा गया है। मास्टर प्लान के बहाने कस्बे के गोल सर्किल से मेला का चौराहा के मध्य मार्ग में मंदिर को अतिक्रमण बताकर प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ पहुंची और उन्होंने मंदिर के गुंबद को तोड़ दिया। इसके बाद शिवलिंग को कटर की मदद से काटा गया। इस दौरान हनुमान जी सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ी गईं। ब्रज भूमि कल्याण परिषद ने अलवर में तीन मंदिर तोड़े जाने का आरोप लगाया है। जिसके बाद कांग्रेस विधायक सहित तीन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने राजगढ़ के कांग्रेस विधायक जौहरीलाल मीणा, एसडीएम और नगरपालिका के सीआईओ के खिलाफ राजगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मंदिर तोड़े जाने की शिकायत लेकर हम कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के पास गए थे। उन्होंने कहा कि बोर्ड भाजपा का बनाते हो और शिकायत हमसे करते हो। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि भाजपा को वोट देने के कारण उनसे बदला लिया गया है। मंदिर और मकान इसी कारण तोड़े गए हैं। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि विधायक जौहरीलाल मीणा ने मंच से कहा था कि कांग्रेस का बोर्ड होता तो बुलडोजर नहीं चलता। अब बबूल का पेड़ बोया है तो आम कहां से आएगा। आपको 24 घंटे का समय दिया जाता है, आप 34 पार्षदों को मेरे घर लेकर आओ कार्रवाई रुक जाएगी। नहीं तो मैं कार्रवाई नहीं रोक पाउंगा। विधायक के इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वहीं, अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिरों को तोड़े जाने के बाद भाजपा कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने इस मामले में कांग्रेस को घेरा है। उन्होंने कहा कि करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना, यही कांग्रेस का सेक्युलरिजम है। राजस्थान भाजपा के प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि जिस वक्त जहांगीरपुरी में दंगाइयों के अतिक्रमण पर बुलडोजर चल था, उसी वक्त जहांगीरपुरी का बदला लेने राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने अलवर में 300 साल पुराना शिवालय बुलडोजर से ढहा दिया। दंगाइयों के अतिक्रमण ढहाने पर रोने वाले गहलोत ने औरंगजेब बन शिवालय ढहाने में एक क्षण नहीं लगाया।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि इस मामले में पार्टी ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी मौके पर जाकर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर रिपोर्ट सौंपेगीl जिसमें सीकर के सांसद सुमेधानंद सरस्वती, पार्टी उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल, विधायक चंद्रकांता मेघवाल, राजेंद्र सिंह शेखावत, बृजकिशोर उपाध्याय और भवानी मीणा शामिल हैं। पूनिया ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि 300 साल पुराना मंदिर कैसे अतिक्रमण हो सकता है। कांग्रेस विधायक ने 34 पार्षदों को लाने की बात कही। ये सारी कार्रवाई सरकार के इशारे पर हुई है। सतीश पूनिया ने कहा कि जौहरीलाल मीणा के बेटे पर दुष्कर्म का आरोप लगा था। वो वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि मेरे पुत्र को आरोपित करोगे तो अपने कर्मों की सजा भुगतोगे। विधायक ने यह सब जनता को डराने के लिए किया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने माफिया, बदमाश और गुंडा तत्वों के खिलाफ इस कदर बुलडोजर चलाया कि उनका नाम ही बुलडोजर-बाबा पड़ गया। देश की राजनीति में माफियाराज पर चलता सरकारी बुलडोजर सुर्खियों में आ गया। परन्तु राजस्थान में कांग्रेस से राज में मामला इसके विपरीत है। यहां बुलडोजर तो चल रहा है, लेकिन अपराधियों पर नहीं, बल्कि धार्मिक स्थलों पर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने करोड़ों लोगों के श्रद्धा केंद्र सालासर बालाजी धाम के मार्ग पर स्थित राम दरबार को पिछले दिनों बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।