नई दिल्ली ( एजेंसी)। भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज आलराउंडर ऋद्धिमान साहा का खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से विवाद हो गया था। दरअसल ऋद्धिमान साहा ने पत्रकार बोरिया मजूमदार पर ऑनलाइन डराने-धमकाने का आरोप लगाया था।।अब इस मामले में बोरिया पर बीसीसीआई ने बैन लगा दिया है।
IANS में छपी एक खबर के मुताबिक कहा गया है कि खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार को कथित तौर पर ऋद्धिमान साहा धमकी भर टेक्स्ट मैसेज भेजने के मामले में दोषी पाया गया है और इसके लिए उन पर दो साल का बैन लगाया गया है । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा फरवरी में तीन सदस्यीय समिति गठित करने के बाद यह खबर आई है, जिसमें उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और एपेक्स काउंसिल के सदस्य प्रभतेज सिंह भाटिया शामिल हैं। साहा ने इंटरव्यू के अनुरोध पर मजूमदार के धमकी भरे संदेशों का स्क्रीनशॉट पोस्ट करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था।
स्टेडियम के अंदर जाने पर लगी रोक
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘हम भारतीय क्रिकेट बोर्ड की सभी राज्य इकाइयों को उन्हें स्टेडियम के अंदर नहीं जाने देने के लिए सूचित करेंगे। उन्हें घरेलू मैचों के लिए मीडिया मान्यता नहीं दी जाएगी और हम उन्हें ब्लैकलिस्ट करने के लिए आईसीसी को भी पत्र लिखेंगे।’ 19 फरवरी को, ने चैट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद एक तथाकथित सम्मानित पत्रकार से मुझे अपमान का सामना करना पड़ा! यही वह है कि अच्छी पत्रकारिता चली गई है। ‘
ऑनलाइन धमकी का था मामला
चैट में संदेशों में से एक के रूप में पढ़ा गया, आपने कॉल नहीं किया। फिर कभी मैं आपका इंटरव्यू नहीं करुंगा। मैं अपमान नहीं सहता और मैं इसे याद रखूंगा।’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि समिति के सामने आने पर साहा ने अंतत: मजूमदार की पत्रकार के रूप में पहचान की थी। मजूमदार ने ट्विटर पर एक वीडियो के माध्यम से अपनी पहचान बताई और दावा किया कि वह साहा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
मजूमदार ने भी लगाए थे आरोप
इस बीच, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मजूमदार ने क्रिकेटर पर व्हाट्सएप संदेशों के स्क्रीनशॉट को ‘डॉक्टरिंग’ करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया था और बाद में समिति के साथ साझा किया था। साहा के ट्वीट ने क्रिकेट जगत में तूफान ला दिया। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने साहा को अपना समर्थन देने की पेशकश की और उनसे मजूमदार का नाम लेने का आग्रह किया, जिनकी तब तक पहचान नहीं हो पाई थी। सहवाग ने उस समय ट्वीट किया था, ‘बेहद दुखद. ऐसी पात्रता की भावना, न तो उनका सम्मान है और न ही पत्रकार, बस चमचागिरी. हम आपके साथ हैं ऋद्धि।’
जब साहा ने कुछ दिनों बाद पत्रकार का नाम न उजागर करने के अपने कारणों के बारे में बताया, तो सहवाग ने कहा था, ‘प्रिय ऋद्धि, दूसरों को नुकसान पहुंचाना आपका स्वभाव नहीं है और आप एक अद्भुत व्यक्ति हैं। लेकिन इस तरह के नुकसान को भविष्य में किसी और के साथ रोकने के लिए उनका नाम बताना महत्वपूर्ण है।’ भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने भी उस समय ट्विटर पर पत्रकार के नाम का खुलासा करने के लिए साहा को फोन किया था।