नई दिल्ली। शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी सी-ब्लाक में हनुमान भक्तों पर पथराव कर हिंसा करवाने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार मुख्य आरोपी अंसार दिल्ली के ‘सट्टा किंग’ के तौर पर जाना जाता है। शोभायात्रा पर पथराव करवाकर अचानक सुर्खियों में आए अंसार को उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस ने अब भले ही मुख्य आरोपी बनाकर इससे अपने संबंधों का पल्ला झाड़ लिया है, लेकिन हर कोई जानता है कि अंसार अपने काले कारनामे में जहांगीरपुरी थाना पुलिस को साथ लेकर चलता था।

पुलिस और राजनीतिक पार्टी के सहयोग से इसका काला धंधा तेजी से फलता-फूलता चला गया। पुलिस सूत्रों की मानें तो वर्षो पहले अंसार ने जहांगीरपुरी की झुग्गियों में गांजा, स्मैक और चरस बेचता था। उस धंधे को छिपाने के लिए इसने कबाड़ी का धंधा शुरू किया और उनकी आड़ में सट्टा, अवैध शराब, ड्रग्स आदि को अपना मुख्य धंधा बनाए रखा। उस काले धंधे ने अंसार को करोडपति बना दिया।

मौजूदा समय में उसके पास करोड़ों की दौलत है। कहा जाता है कि काले धंधे को छिपाने के लिए उसने पहले किसी राष्ट्रीय पार्टी की सदस्यता हासिल की थी। जब वहां उसका मकसद पूरा होना बंद हो गया तो उसने किसी अन्य पार्टी का हाथ थामा। पुलिस का कहना कि इसके खिलाफ सट्टा, आबकारी अधिनियम आदि के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

पुलिस का कहना है कि अंसार एक राजनीतिक पार्टी का जहांगीरपुरी वार्ड का बड़ा नेता है। वह पहले बांग्लादेशी था। धीरे-धीरे फर्जी तरीके से दस्तावेज बनवाकर उसके आधार पर आधार कार्ड बनवा लिया। फिर मतदाता पहचान पत्र बनवाकर दिल्ली का नागरिक बन गया।

बताया जा रहा है कि इसने खुद और अपने परिवार के सदस्यों के लिए तो ऐसा किया ही, जहांगीरपुरी में रहने वाले हजारों अन्य बांग्लादेशी घुसपैठियों का भी आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनवाकर उन्हें दिल्ली का नागरिक बना दिया। इसी वजह से जहांगीरपुरी की झुग्गियों में इसका सिक्का चलता है।राजनीतिक पार्टियों से जुड़कर कुछ ही वर्षो में अंसार ने अपने कद को तो ऊंचा कर ही लिया, काले धंधे से अकूत दौलत भी कमाई।

जहां पहले वह जहांगीरपुरी में अवैध शराब बेचता था, वहीं नई आबकारी नीति के तहत उसे पांच ठेके भी मिल गए। आठ साल पहले तक दिहाड़ी मजदूर के तौर पर रोजी-रोटी कमाने वाले अंसार आज बीएमडब्ल्यू कार का मालिक है। वह अक्सर किसी-न-किसी विधायक के साथ दिख जाता था।

अंसार ने खतरनाक साजिश रची थी

सूत्रों की मानें तो शनिवार को अंसार ने बेहद खतरनाक साजिश रची थी। अपने 300 से ज्यादा लोगों को भगवा कपड़े पहनाकर हिंसा करने के लिए भेज दिया था, ताकि पूरी दुनिया में यह संदेश जाए कि हिंसा हिंदुओं ने की

पुलिस के डोजियर के अनुसार जहांगीरपुरी की झुग्गी में वर्ष 1980 में पैदा हुआ अंसार चौथी कक्षा तक पढ़ा है। इसके पिता का नाम मुहम्मद अलाउद्दीन, पत्नी का नाम शकीना और बेटे का नाम सोहल और भाई का नाम अल्फा है। इसका जीजा मेवात के नूंह में रहता है। पुलिस ने इसका डोजियर 20 फरवरी, 2009 को तैयार किया था। उस वक्त इसे चाकू के साथ पकड़ा गया था। इसके खिलाफ छह से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।