जिस ऑपरेशन में यह राक्षस मारा गया, उसमें सैनिकों और कुत्तों के अलावा रोबोट भी था साथ
अपने साथ तीन मासूम बच्चों को भी शैतान ने उड़ा दिया
अब पाकिस्तान में मौज ले रहे आतंकियों दाऊद, हाफिज, अजहर की भी जल्दी बारी आएगी!
पदम पति शर्मा
प्रधान संपादक
अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन (आईएसआईएस/आईएसआईएल) के संस्थापक अबु बकर अल बगदादी को अमेरिकी सेना ने उत्तरपश्चिमी सीरिया में एक स्पेशल ऑपरेशन में मार कर आतंकी खौफ का एक बार तो अंत कर दिया ।

अब देखा जाय तो दुनिया मे एक ही देश पाकिस्तान है जहाँ आतंकियो का बोलबाला है। तालिबानी हों या अल कायदा, जैश- ए- मोहम्मद हो अथवा लश्करे तौयेबा या फिर हिजबुल मुजाहिदीन। इनके अलावा 1992 के मुम्बई मे भीषण विस्फोट और दंगों का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहीम भी पाकिस्तान के कराची शहर में आलीशान जिन्दगी जी रहा है। यही नहीं वो तो ऐलानिया पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियाँदाद का समधी भी हो चुका है। ये सभी अमेरिका की ओर से प्रतिबंधित सूची मे ही नहीं हैं बल्कि इनके सर पर ईनाम भी घोषित हो चुका है। बगदादी जरूर मर गया पर उसकी सोच जिंदा है। आतंकी और पाकिस्तान इसके झंडाबरदार हैं। लगता है कि अब भारत-अमेरिका के संयुक्त अभियान मे शरिया के राज का ख्वाब देखने वाले मानवता के इन हत्यारो और इन्हें पनाह देने वाले कट्टर इस्लामिक देश पाकिस्तान का भी स्थायी इलाज सन्निकट है।

जहाँ तक बगदादी के अंत को लेकर किये गये आपरेशन का सवाल है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि इस ऑपरेशन में सेना का एक प्रशिक्षित कुत्ता भी घायल हो गया । यह एक ऐसा ऑपरेशन था, जो कई मामलों में पूर्व की तुलना मे सबसे अलग था।

ट्रंप ने ऑपरेशन से संबंधित अधिक जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिकी सेना इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए आठ हेलिकॉप्टर के साथ उसके अड्डे पर पहुंची थी। सेना के साथ प्रशिक्षित कुत्ते और एक रोबोट भी था। यह ऐसा पहला ऑपरेशन था, जिसमें एक रोबोट भी साथ लिया गया था। कुत्तों द्वारा पीछा किए जाने पर बगदादी एक सुरंग में चला गया था। और उसी सुरंग में जाकर बगदादी ने खुद को उड़ा लिया। हालांकि ऑपरेशन में रोबोट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
एक प्रशिक्षित कुत्ता घायल हो गया है
इन कुत्तों के बारे में ट्रंप ने कहा, ‘मैं उन्हें कुत्ता कहता हूं, खूबसूरत कुत्ते। इनमें से एक प्रशिक्षित कुत्ता घायल हो गया है और वापस लौटा है। उन्होंने इतनी जल्दी उस रास्ते पर ब्लास्ट कर लिया। यह अनोखा था। क्योंकि इमारत काफी मजबूत थी। उन्होंने अपने तरीके से विस्फोट किया। यह अविश्वसनीय है कि कोई भी न तो मारा गया और न ही घायल हुआ।’
ट्रंप ने कहा, हमारे पास एक रोबोट था
रोबोट के साथ होने के तर्क को समझाते हुए ट्रंप ने कहा, ‘हमारे पास एक रोबोट था क्योंकि हम डर गए थे कि वह (बगदादी) आत्महत्या करने वाला है और अगर आप उसके करीब जाते हैं और वो धमाके में मरता है तो आप भी मर सकते हैं।’ ट्रंप ने आगे कहा कि उन्हें पल-पल की जानकारी मिल रही थी। जब बगदादी ने खुद को सुरंग में उड़ा लिया तो वो काफी भयानक था, उसने अपने तीन बच्चों को भी साथ में उड़ा लिया और साथ मे मौजूद उस नृशंस राक्षस की दो पत्निया भी मारी गई । ट्रंप ने कहा कि रोबोट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
अंतिम समय डर से कांप रहा था चाँडाल
ट्रंप ने इस बारे में व्हाइट हाउस के डिप्लोमैटिक रूम से बताया कि चाँडाल बगदादी अंतिम समय मे डर से कांप रहा था। ट्रंप ने दावा करते हुए कहा कि ‘अमेरिकी सैनिकों ने जब बगदादी को दौड़ाया, तब वो चीख रहा था, रो रहा था और चिल्ला रहा था। 70 हजार लोगों के हत्यारे के 70 टुकड़े हो गये। वो एक ऐसा कायर था जो मरना नहीं चाहता था। वो कुत्ते की मौत मरा है।’

यह गुप्त आपरेशन 26 अक्टूबर को शुरू हुआ था। कहते हैं न कि ‘दुश्मन का दुश्मन हमारा दोस्त’, इस आपरेशन मे यही मसल लागू हुई। रूस और ईरान बताने की जरूरत नहीं कि अमेरिका के मित्र देशों की सूची में नहीं हैं । लेकिन चूँकि पूर्व मौलवी और पीएचडी धारी यह शैतान इन्सानियत का दुश्मन था इस लिए इन दोनो देशों ने इस खतरनाक आपरेशन मे अमेरिका का पूरा साथ दिया और इसके लिए ट्रम्प ने उनके प्रति आभार भी प्रकट किया।