जयपुर। राजस्थान के करौली में नवसंवत्सर (दो अप्रैल) को हुए उपद्रव के बाद दलित और आदिवासी समाज के 500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इन लोगों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई। वहीं, उपद्रव के दस दिन बाद करौली के जिला कलक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर अंकित कुमार सिंह को लगाया गया है। इस बीच, पुलिस ने उपद्रव करने वालों की पहचान का सिलसिला जारी रखा। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष हंसराज बालौती, 2018 के विधानसभा चुनाव सपोटरा से बसपा के प्रत्याशी रहे रहमराज, सपोटरा की प्रधान कमली देवी, हेमराज गोटिया, पूर्व पंचायत समिति सदस्य परसुराम मीणा, पूर्व जिला परिषद सदस्य धर्म सिंह फौजी सहित कई प्रमुख लोगों ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

अखिल भारतीय बैरवा समाज के अध्यक्ष रामजीलाल भी भाजपा में शामिल हो गए। बालौती ने आरोप लगाया कि कि करौली में एक वर्ग विशेष को सरकार का आशीर्वाद मिला हुआ है। हालात यह है कि कोई जय श्रीराम के नारे बोलना चाहता है तो उसे सरकार की अनुमति की जरूरत है। सरकार बहुसंख्यकों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि करौली की घटना से दुखी होकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इस मौके पर पूनिया ने कहा कि हम लोग करौली अशांति फैलाने नहीं गए थे, लेकिन हमें रोक लिया गया। लोगों से मिलने नहीं दिया गया।

मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदू संगठनों की बाइक रैली पर हुए पथराव के बाद कुल 80 दुकानें जली थीं, उनमें से 73 अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों) और सात बहुसंख्यकों की थीं। नुकसान सभी का हुआ है। भरतपुर में विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस में 27 मामले दर्ज होने के साथ ही 100 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं। एक दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के करौली जाने के प्रयास और पुलिस द्वारा रोके जाने पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता वैसे तो गरीबों को देखने के लिए जा रहे थे, लेकिन वह भरतपुर आकर पांच सितारा होटल में रुके, यहां रात तीन बजे तक पार्टी की। यह बड़े शर्म की बात है, इससे भाजपा का मुखौटा सभी के सामने आ गया है।