✍ मनीषा (मीनाक्षी)
सात वार में नौ त्यौहार मनाने वाली काशी में शुक्रवार से 16 दिवसीय सोरहिया मेले का शुभारंभ हो गया हैं. लक्सा स्थित लक्ष्मी कुंड पर महालक्ष्मी मंदिर में श्रृंगार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. महालक्ष्मी के दरबार में सुबह से ही भक्तों की अंबार लगने लगी हैं. महिलाओं ने लक्ष्मी कुंड स्थित महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन कर व्रत करने का संकल्प लिया है.
16 दिवसीय सोरहिया मेले में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का खास पर्व है. इसमें मां की मिट्टी की बनी प्रतिमा की पूजा की जाती है. मंदिर में दर्शन-पूजन से सौभाग्य, दीर्घायु, धन आदि की प्राप्ति होती है. भक्त डलिया में सजे मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा कर उसे अपने साथ घर ले जाते हैं और शास्त्रों के अनुसार अंतिम 16 दिन तक जीवित पुत्रिका पर्व के साथ इस कठिन व्रत का समापन करते हैं.
महिलाएं पुत्र की दीर्घायु व सुख समृद्धि की कामना के लिए 16 दिनों तक मंदिर में पूजन अर्चन व परिक्रमा करती हैं. मां का विशेष अनुष्ठान होता है. ऐसा माना जाता है कि पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. मां भक्तों को सुख संपत्ति देती है.