दिनांक 1 अक्टूबर को मिर्ज़ापुर की सदर तहसील के गाँव गोनौरा में एक कुंए में ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से तीन लोगों की मौत हो गयी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस व अन्य बचाव दलों ने तीनों शवों को बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन ज़हरीली गैस के चलते किसी भी बचावकर्मी ने कुंए में जाकर शवों को बाहर नकलने की हिम्मत नहीं दिखाई।
जिले के जिगना थाना क्षेत्र के अंतर्गत तोलन और लालमणि पल कुंए में मोटर लगाने को उतरे थे कि तभी कुंए में उपस्थित ज़हरीली गैस के संपर्क में आने से दोनों लोग बेहोश हो गए। तत्पश्चात दोनों लोगों को बचाने के लिए अजय पल कुंए में उतरे तो वे भी गैस के प्रभाव से बेहोश होकर पानी में डूब गए।
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर ने तत्काल ही वाराणसी स्थित एन.डी.आर.एफ से एक टीम की मांग की। बना समय गंवाए, इंस्पेक्टर जीतेन्द्र कुमार के नेतृत्व में प्रशिक्षित गोताखोरों, रोप रेस्क्यू व अन्य उपकरणों सहित 25 सदस्यीय एक टीम प्रयागराज से घटनास्थल की ओर रवाना कर दी गयी। रात के अँधेरे में घटनास्थल पर पहुंचकर एन.डी.आर.एफ टीम ने तुरंत खोजकार्य शुरू करते हुए मात्र 2 घंटों में तीनों शवों को ज़हरीली गैस से भरे कुंए से बाहर निकाल लिया।
यह अपनी तरह का एक विशेष खोजकार्य होता है जो ज़्यादातर विदेशों में देखने को मिलते हैं। अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण खोजकार्य को अंजाम देने के लिए एन.डी.आर.एफ के ये रेस्कुएर्स विशेष रूप से स्विट्ज़रलैंड से प्रशिक्षित हैं जो ऐसी विकट परिस्थितियों में ज़हरीली गैस की उपस्थिति में भी खोजकार्य करने में सक्षम हैं। टीम के घटनास्थल पर पहुँचने के पश्चात् सबसे बड़ी चुनौती थी ज़हरीली गैस, कुंए की 50 फ़ीट से भी ज्यादा की गहराई और रोप रेस्क्यू तकनीक के लिए मज़बूत बेस बनाने की जिसके सहारे तीनों शवों को बाहर निकाला जाना था। टीम के रेस्कुएर्स ने सबसे पहले कुंए में ज़हरीली गैस की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए एक जलती हुयी लानटेन को कुंए में उतारा जो लगभग 10 फ़ीट की गहराई पर ही बुझ गयी जिससे गैस की उपस्थिति सुनिश्चित हो गयी। गैस को निष्क्रिय करने के लिए सबसे पहले पानी की बौछार से गैस को निष्क्रिय किया गया अथवा उसकी सांद्रता को कम किया गया। फिर आवश्यकतानुसार रोप रेस्क्यू का एक मज़बूत बेस बनाकर डीप डाइवर को कुंए में उतारने के लिए ऑक्सीजन डीप डाइविंग सेट लगाकर रस्सी की सहायता से कुए में उतारा गया। कुंए की गहराई अधिक होने के कारण एक अकेले डीप डाइवर से लगातार देर तक काम कराने से उसकी जान को भो खतरा रहता है इसलिए बारी बारी से दो और डीप डाइवर को कुंए में उतारकर शवों को बाहर निकाला गया। लगातार 2 घंटे चले इस खोजकार्य में एन.डी.आर.एफ ने बड़ी ही कार्यकुशलता और विशेष प्रशिक्षण के बलबूते इस खोजकार्य को अंजाम दिया और तीनों शवों को कुंए से बाहर निकाल लिया।
ऐसी विकट परिस्थितियों में ज़हरीली गैस की उपस्थिति में तीनों शवों को निकालने के लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व उपस्थित जनसामान्य ने एन.डी.आर.एफ टीम को सलाम किया और उनका धन्यवाद दिया।