वाराणसी। नए हों या पुराने, सड़क पर किस तरह चले इसके लिए शासन ने नवंबर माह यातायात माह के रूप में मनाने का निर्णय इसलिए लिया कि लोगों को यातायात नियम के पालन करना सिखाया जाए।
अध्यात्म, धार्मिक व सांस्कृतिक नगरी काशी में एक सप्ताह बीत जाने पर भी इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है। यातायात पुलिस ने कई प्रमुख चौराहों पर होर्डिग्स लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है। चौराहे पर खड़े सिपाही व ट्रैफिक के जवान बस जाम हटाने में ही लगे रहते हैं। सड़कों पर तेज रफ्तार में नए लड़के सरपट उनकी आंखों के सामने से निकल जा रहे हैं। ओवर लोड वाहनों पर सवारी का चलन आम हो गया है। आए दिन सड़क हादसों के बाद भी प्रशासन इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं कर रहा है। यातायात माह में भी बनारस की आम जनमानस जाम के झाम से जूझ रही हैं। सड़क पर दिख ही नही रहा कि यह यातायात माह चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस की कई ऐसी सड़कें हैं जहां ट्राफिक नियंत्रण करने वाला कोई नहीं है। बस फिक्स ड्यूटी पर ट्रैफिक के जवान लगा दिए जाते हैं। वे अपनी ड्यूटी समय किसी तरह पूरा करने में ही रहते हैं। इसमें विभाग की तनिक भी रुचि दिखाई नहीं पड़ रही है।

वहीं वाराणसी में यातायात माह में ट्रैफिक पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाकर छात्र-छात्राओं को सुरक्षित यातायात के प्रति न सिर्फ जागरूक किया बल्कि युवाओं के सर पर हेलमेट पहनाकर उन्हें सुरक्षित भी किया। ये इंस्पेक्टर है राजेश कुमार यादव जिन्होंने बीएचयू के छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों का पालन करने की सीख दी। बीएचयू के छात्र छात्राओं ने भी ट्रैफिक नियमों के बारे में ट्रैफिक इंस्पेक्टर से खूब सवाल पूछे। राजेश ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि बाइक सवार हेलमेट और चौपहिया सवार सीट बेल्ट लगाकर ही वाहन चलाएं। इससे खुद की जान सुरक्षित रहेगी और सामने वाला भी सुरक्षित रहेगा।

ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजेश ने बताया वो प्रतिदिन विद्यालय, कॉलेज व कोचिंग संस्थानों के पास छात्र-छात्राओं को हेलमेट लगाकर सुरक्षित वाहन चलाने, ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करने, बाइक और कार के कागजात हमेशा दुरुस्त रखने, अपने बाएं से चलने, ट्रैफिक सिग्नल का नियमानुसार पालन करने, रोड पार करते समय जेब्रा लाइन का ध्यान रखने के साथ ही अन्य नियमों की जानकारी भी दे रहे हैं।