निर्दलीय विधायकों के साथ गोपाल कांडा हेलीकाप्टर से दिल्ली गए
दुष्यंत भी भाजपा से मोल भाव में लगे हैं, शुक्रवार को फैसला
अनिता चौधरी राजनीतिक संपादक
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं । महाराष्ट्र में जहां एक बार फिर बीजेपी-शिवसेना की सरकार बन रही है वहीं हरियाणा में चुनावी लड़ाई कांटे की रही और महज़ कुछ सीटों से बीजेपी पूर्ण बहुमत से पीछे रह गयी। हरियाणा में सरकार बनाने को लेकर ज़द्दोजेहद जारी है । बीजेपी और काँग्रेस दोनों ही खेमे में जोड़-तोड़ की राजनीति पर रणनीति तैयार की जा रही है ।
इन सब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में दोनी राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनोहर लाल खट्टर को बधाई देते हुए यह साफ कर दिया है कि दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री नहीं बदले जाएंगे ।
हरियाणा के कुल नतीजों की अगर बात करें तो बीजेपी को जनता ने 40 सीट देते हुए सबसे बड़ी पार्टी का मेंडेट दिया है वहीं काँग्रेज़ को जनता ने 31 सीट देते हुए दूसरी बड़ी पार्टी घोषित किया है । हरियाणा की जनता ने उम्मीद से परे सबसे आश्चर्यजनक मेंडेट ओ.पी चौटाला की पार्टी से अलग हो कर परिवार के साथ बागी रुख अपनाते हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पी चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला की 11 महीने की नई नवेली गठित जेजेपी को दिया है । जेजेपी को हरियाणा की जनता ने 11 महीने के काम काज को देखते हुए 10 सीट दी है। । .ओ. पी चौटाला की पार्टी इनलो को एक और निर्दलीय को 8 सीट मिली है । हरियाणा के इस मेंडेट को देखें तो किंग मेकर की भूमिका में या तो निर्दलीय उम्मीदवार हैं या फिर 11 महीने की उम्र वाला जननायक जनता दल । ऐसे में जेजेपी मुखिया दुष्यंत चौटाला मोल-भाव के साथ राजनीति के नए अखाड़े में संभल कर फैसला लेना चाहते हैं । उन्होंने बयान देते हुए साफ कर दिया हैं कि शुक्रवार को कार्यकारणी की बैठक होगी और फैसला सर्वसम्मति से लिया जएगा कि सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हुए साथ में रहना है या विपक्ष की भूमिका में जनता की सेवा करनी है ।
इधर बीजेपी सरकार बनाने के लिए जेजेपी पर कम, जीते हुए निर्दलीय विधायकों पर ज्यादा भरोसा कर रही है । गोपाल कांडा कुछ जीते हुए निर्दलीय विधायकों और बीजेपी की साँसद सुनीता दुग्गल के साथ दिल्ली रवाना हो चुके हैं । इसके अलावा भाजपा के जो बागी जीते हैं उनसे भी पार्टी सम्पर्क में है। देखना यह है कि भाजपा निर्दलीय और अपने जीते हुए बाग़ी विधायकों पर दाँव लगाएगी या दूरगामी राजनीति के मद्देनजर बिदके जाट समुदाय को अपने पाले में खींचने और स्थायी सरकार देने के लिए दुष्यंत से भी हाथ मिलाएगी।
माना जा रहा है कल तक स्थिति साफ हो जाएगी और हरियाणा को उसकी सरकार भी जल्द मिल जाएगी ।