विकास यादव (विशेष संवाददाता)

अटल सौभाग्य की कामना से सुहागिनों ने हरितालिका तीज पर सोमवार को निराजल व्रत रखा। ऐसा कहा जाता है कि मां गौरी ने भगवान भोले नाथ को पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत रखा था जिसके बाद से ही सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए आज के दिन व्रत रखती हैं। परंपरा के अनुसार पति के कल्याणार्थ गौरी-शंकर की पूजा अर्चना करने के साथ उन्होंने विधि-विधान से कथा भी सुनी।

काशी मे रामघाट स्थित मां मंगला गौरी व गौरी गभस्तीस्वर महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए कतार लगी रही। मौसम की तल्खी और भूख-प्यास की शिकन से बेपरवाह भरपूर उत्साह से सजी-संवरी महिलाओं की उमंग देखने लायक थी। मनोवांछित वर की कामना से कुमारियों ने भी व्रत रखा और मंदिरों में अर्जी लगाई। 

सर्गी के साथ शुरू किया व्रत

रविवार की रात के तीसरे पहर से भोर तक महिलाओं ने सुतफेनी-मिष्ठान्न और पान से सर्गी (स्वर्गिक बेला का आहार) के साथ व्रत शुरू किया। सुबह जागने के साथ ही पूजा -पाठ की तैयारियों में लग गई। आस्था विश्वास की चाशनी में डूबे देवी गीत गुनगुनाते और मुराद पूरी करने की गुहार लगाते आधा दिन बीता। दोपहर बाद स्नान-ध्यान और सजधज का दौर शुरू हुआ। नए परिधान, हथेली पर मेहंदी रचाई और रंगबिरंगी चूड़ियों से कलाइयां सजाई। सुहाग की प्रतीक बिंदिया और मांग में चटख सिंदूर समेत सोलहों श्रृंगार किए। घर के आंगन में कच्ची माटी से शिव-पार्वती की प्रतिमा सजाई और विधान के अनुसार पूजा की। फल-मिष्ठान्न के साथ ही श्रृंगार की सामग्रियों से सजी थाल और डाल का उपहार भी मइया के चरणों में अर्पित किया। घर के बड़े-बुजुर्गो व पुरोहितों से हरितालिका व्रत पर्व के महात्म्य की कथा सुनीं। चरण छूकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद भी लिया। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here