मायावती, प्रियंका, शशि थरूर ने भी नियुक्ति का किया समर्थन
बीएचयू में मुस्लिम शिक्षक को लेकर चढ़ा सियासी पारा
मुख्य नगर संवाददाता
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लगभग एक पखवारे से जारी संस्कृत के शिक्षक फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर कुछ छात्रों का विरोध अब सियासी रूप लेता जा रहा है।
देर रात बीएचयू में छात्रों के दूसरे ग्रुप ने जहाँ फिरोज खान की नियुक्ति का समर्थन कर परिसर के माहौल को एक बार फिर गर्मा दिया वहीं दूसरी ओर बीएचयू में संस्कृत भाषा को लेकर धर्म आधारित नियुक्ति के विरोध का दौर अब देश भर में सियासी रूप लेने लगा है।
इसी कड़ी में गुरुवार की सुबह बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने भी ट्विटर पर अपने विचार जाहिर करते हुए बीएचयू में नवनियुक्त सहायक प्रोफेसर फिरोज खान का समर्थन किया है।
वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट कर इस मामले में अपने विचार रखते हुए कहा कि – ‘मुझे क्या बता सकते हैं कि क्यों बीएचयू के कुछ छात्र मुस्लिमों को संस्कृत पढ़ाने का विरोध कर रहे हैं जबकि उन्हें नियत प्रक्रिया द्वारा चुना गया है ? भारत के मुस्लिमों का डीएनए हिंदुओं के पूर्वजों का ही है। यदि कुछ नियम है तो इसे बदलने की जरूरत है।’
बसपा सुप्रीमो का ट्वीट
बीएचयू विवाद पर गुरुवार की सुबह बसपा सुप्रीमो ने दो ट्वीट किए, पहले में उन्होंने लिखा कि – ”बनारस हिन्दू केन्द्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन/प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म/जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है।”
वहीं दूसरी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि – ”बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस सम्बंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। सरकार इसपर तुरन्त समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा।”
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के बीएचयू में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विवाद पर लगातार दो ट्वीट आने के बाद यूपी में बीएचयू का सियासी पारा चढ़ गया है। उनके समर्थकों ने भी सोशल मीडिया पर अपने विचार बीएचयू को लेकर चल रहे माहौल के संदर्भ में जाहिर किए।
प्रियंका गांधी वाड्रा का ट्वीट
पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार की सुबह ट्वीट में संस्कृत की महत्ता का गुणगान करते हुए सरकार पर भी निशाना साधा। कहा – हमारी भाषाएँ और संस्कृति हमारी विशेषता है, हमारी मजबूती है। संस्कृत भाषा में ही लिखा गया है, “सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः। इस भाषा में विशालता है। हमारे देश के संविधान में विशालता है। विश्वविद्यालय में संस्कृत कोई भी अध्यापक पढ़ा सकते हैं। सरकार और विवि को इस संविधानिक अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
प्रियंका गांधी के इस ट्वीट के बाद से उनके समर्थकों और विरोधियों ने भी अपनी राय खुलकर रखी और बीएचयू में कई दिनों से चल रहे इस विवाद के शीघ्र पटाक्षेप की उम्मीद जाहिर की। वहीं बीएचयू में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति को लेकर ट्वीट बम फूटने के बाद सुबह से ही विभिन्न राजनीतिक दलों और समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर बीएचयू विवाद ही चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
वायरल हो रहा नियम कायदा
बीएचयू में संस्कृत धर्म विद्या संकाय के नियमों का एक दस्तावेज भी सोशल मीडिया और बीएचयू के छात्रों के बीच वायरल हो रहा है। जिसमें लिखा है कि – ‘वेद, वेदांग, स्मृति, दर्शन, इतिहास एवं पुराण की पढ़ाई होगी। वैदिक महाविद्यालय एवं विवि का समस्त धार्मिक कृत्य श्रुतियों, स्मृतियों तथा पुराणों में यथा उल्लिखित सनातन धर्म के सिद्धांतों को मानने तथा उसका अनुसरण करने वाले हिंदुओं के नियंत्रण में होगा।’
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का प्रदर्शनकारियों को समर्थन
भाजपा के पूर्व सांसद और अभिनेता परेश रावल, बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के ट्वीट के बाद दोपहर बाद बीएचयू में धरनारत छात्रों से मिलने के लिए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विरोध जता रहे छात्रों से बातचीत भी की और उनका पक्ष जाना। साथ ही विरोध को शांतिपूर्वक करने का आवाहृन भी किया। प्रकारान्तर से उन्होंने जता दिया कि वह आन्दोलनरत छात्रों के साथ हैं।