केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज 31 जनवरी, 2023 को संसद में पेश की गई ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को केन्द्र बिन्दु बनाया गया है और इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना को ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली का सबसे अहम केन्द्र’ बताया गया है। अत: यह अब अंतिम छोर पर स्थित लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में बुनियादी सहायक प्रणाली बन गई है। स्वास्थ्य अवसंरचना को देश में स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता के प्रावधानों और कल्याणकारी व्यवस्थाओं को अच्छी तरह से समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में स्वीकार किया गया है।
आर्थिक समीक्षा में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हाल ही में लागू किए गए उन सुधारों पर प्रकाश डाला गया है जिनकी बदौलत सार्वजनिक क्षेत्र में स्वास्थ्य अवसंरचना काफी मजबूत हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में उप-केन्द्रों (एससी), प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी), और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि से यह तथ्य पूर्ण रूप से स्पष्ट हो जाता है। आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत 1.5 लाख स्वास्थ्य और वेलनेस केन्द्रों (एचडब्ल्यूसी) को 31 दिसम्बर, 2022 से पहले चालू कर दिया गया है। ये केन्द्र समस्त समुदायों को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उनके निवास स्थानों के काफी निकट ही उपलब्ध कराते हैं।
भारत में ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली
स्वास्थ्य अवसंरचना में प्रगति
आर्थिक समीक्षा 2023 में मानव संसाधन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि को भी रेखांकित किया गया है जो कि स्वास्थ्य प्रणाली के प्रमुख स्तम्भ हैं। इनमें डॉक्टर, नर्सिंग प्रोफेशनल, फार्मासिस्ट, सहायक महिला कर्मचारी, दंत चिकित्सक, सहायक स्वास्थ्य प्रोफेशनल, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मचारी, सामाजिक स्वास्थ्य कर्मचारी और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रबंधन एवं सहायक कर्मचारी भी शामिल हैं।