जिन लोगों ने सैकड़ों वर्षों से मंदिरो की रक्षा की, उनका अभिनंदन कब होगा ?  

मंदिरो के विग्रह संग्रहालय में जाने से कैसे बचे ?

पदमपति शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर योजना के घेरे में आ चुके अधिग्रहित मकानों की क्या स्थिति है ? अभी तक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर धाम की जद में आए लाहौरी टोला और नीलकंठ क्षेत्र में निकले 43 मंदिर ध्वस्त होने और उनमें विराजमान विग्रह संग्रहालय में जाने से कैसे बचे, इन मंदिरों के महंत, स्वामी और सेवइत जिन्होंने विशेष रणनीति के तहत शान्ति और भाईचारे के तथाकथित झण्डाबरदारो के हमलों से सैकड़ों साल से इन्हें  बचाया और काशी को मस्जिद की जगह मंदिरों का शहर बनाए रखने में अप्रतिम भूमिका निभायी, बजाय उनका अभिनंदन करने के, वे तिरस्कार के पात्र क्यों बनाए जा रहे है ?  विन्ध्य पर्वत श्रंखला की तीन पहाड़ियों से गंगा के लगभग सभी घाटों पर निकल रहे जल स्रोत (सोते ) को लेकर शोध और उनके संरक्षण,  सरस्वती फाटक पर आदि शंकराचार्य की स्थापित की जाने वाली प्रतिमा, मैदागिन और गोदौलिया से लगायत ज्ञानवापी तक दर्शनार्थियो के लिए टनेल निर्माण के अलावा उन्हें प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के साथ ही प्रस्तावित धाम के ब्लू प्रिंट को लेकर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह से “आपकी बात ” सिरीज के अन्तर्गत की गयी बेवाक वीडियो चर्चा में इन तमाम सवालों के जवाब लेने का प्रयास किया गया है।

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