भारतीय प्रधानमंत्री अमेरिका से लौटे
पदमपति शर्मा
ह्यूस्टन के “हाउडी मोदी” कार्यक्रम से लगायत यूएन तक में सारगर्भित संबोधन से अपने जग जीतने वाले सात दिवसीय अमेरिकी दौरे के समापन बाद घर लौटे भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वागत में पालम हवाई अड्डे के बाहर उमड़े हजारों समर्थकों के हुजूम ने पलक पावड़े बिछा दिये। दुनिया भर में अपने देश का डंका बजाने वाले मोदी जी का स्वदेश वापसी पर ऐसा अभूतपूर्व स्वागत, ऐसा ऐतिहासिक खैरमकदम सचमुच अविश्वसनीय और अकल्पनीय था। याद नही आता कि किसी प्रधानमंत्री का विदेश यात्रा के बाद घर वापसी पर कभी ऐसा स्वागत देखने को मिला हो। स्वयं मेरा आधी सदी का अनुभव तो यही कहता है।
घंटो पहले से ही हवाई अड्डे पर मोदी जी के समर्थक अपने इस महानायक के स्वागतार्थ पहुँच चुके थे। ढोल नगाड़ो के बीच पारम्परिक भेष भूषा में मौजूद समर्थकों के भारी जमघट ने किसी पर्व या त्यौहार सरीखा दृश्य उपस्थित कर दिया था। यही हाल देश के लगभग सभी टीवी न्यूज चैनलो का था जिनके ऐन्कर्स अपनी कमेन्ट्री से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते रहे।
रात्रि सवा आठ बजे मोदी जी के विमान ने लैन्डिग की। लगभग पंद्रह- सोलह घंटे की विमान यात्रा के बावजूद मोदी जी एकदम तरोताजा नजर आए। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष नड्डा जी के नेतृत्व में पार्टी के वरिषठ नेताओं ने विमान तल पर गुलाब के पुष्प देकर उनका स्वागत किया।
चयुर्दिक मोदी मोदी के गूँजते नारे के बीच भारतीय प्रधानमंत्री का हवाई अड्डे के बाहर बने मंच पर दिल्ली के सभी सातो सांसदो ने विशाल माला पहना कर उनका स्वागत किया।
इसी 28 सितम्बर की पूरी रात मैने आँखों में ही काट दी थी-मोदी
मोदी जी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में देश की अपार जनता के प्रबल समर्थन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक मजबूत सरकार देकर ही आपने हमे विश्व मे यह सम्मान दिया। मै आभारी हूँ ह्यूस्टन नगर और टैक्सस राज्य मे रहने वाले प्रवासी भारतीयों का कि स्टेडियम में तिल रखने की भी जगह नहीं थी।
हाऊडी मोदी की व्यापकता और विशालता सचमुच अभिभूत करने वाली रही और वहां रिपब्लिकन और डिमाक्रेट्स सांसदो के साथ ही स्वयं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और व्हाइट हाउस का कामकाज संभालने वालों की मौजूदगी का श्रेय मै देश की 130 करोड़ जनता को देता हूँ जिनके प्रचंड समर्थन से ही यह स्वर्णिम अध्याय लिखा जा सका।
उन्होंने तीन साल पहले की याद ताजा करते हुए कहा कि तब इसी 28 सितम्बर 2016 की रात मै एक पल के लिए भी सो नहीं सका था। मेरी नजर टेलीफोन पर ही लगी रही थी। उस रात हमारे वीर जवानों ने शौर्य और पराक्रम का सुनहरा अध्याय लिखते हुए सर्जिकल स्ट्राइक जो की थी।
उन्होंने अंत में देशवासियो को अगले दिन यानी रविवार से प्रारंभ हो रहे नवरात्रि, माँ दुर्गा के शक्ति पर्व की ह्रदय से शुभकामनाएँ दी। पूरे रास्ते भर सड़क के दोनो ओर जनता उनकी एक झलक पाने के लिए मौजूद थी। कार की अगली सीट पर बैठे मोदी जी हाथ हिला कर उनके अभिवादन का जवाब देते रहे।