देश के रबर क्षेत्र में कौशल विकास की दिशा में कार्यरत रबर कौशल विकास परिषद (आरएसडीसी) ने क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को कुशल बनाने के लिए वाराणसी और चंदौली में अभियान शुरू किया है जिसका लक्ष्य कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप रबर से जुड़े क्षेत्रों के लिए लोगों को कुशल बनाना और उनकी कुशलता को निखारना है।
फोकल स्किल उत्तर प्रदेश के टीम लीडर श्रीधर पांडेय ने कहा है कि भारतीय राजमार्गों पर हर जगह कार्यरत टायर फिटर्स सड़क परिवहन को सुरक्षित एवं सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टायरों की फिटिंग करना, विशेषरूप से बड़े वाणिज्यिक वाहनों के टायरों की फिटिंग एक कुशल रोजगार है, जिसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की जरूरत होती है। दुर्भाग्य से टायर फिटर्स का बड़ा वर्ग औपचारिक रूप से प्रशिक्षित नहीं है। इसलिए टायर फिटर्स के कौशल विकास के लक्ष्य के साथ अभियान की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) की रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) स्कीम के तहत दिया जा रहा है।
श्री पांडेय ने बताया बीते एक महीने में 1800 टायर फिटिंग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित कर प्रमाण पत्र दिया गया।
वर्करों को प्रशिक्षित करने वाले टीम के सदस्य धनंजय सिंह, राहुल त्रिपाठी, अभिजीत कुमार, वीरेंद्र कुमार, संजीत पांडेय, सत्येंद्र पांडेय व आंनद का कहना है कि एक टायर फिटर केवल टायर की मरम्मत ही नहीं करता है, बल्कि ट्रांसपोर्टर/ट्रक चालक को टायर की स्थिति, टायर के सही रखरखाव, टायर की उम्र बढ़ाने के लिए जरूरी कदमों आदि के बारे में भी सुझाव देता है। तकनीकी विशेषज्ञों और टायर फिटर्स के बीच की दूरी को कम करने की आरएसडीसी की इस पहल को हर तरफ से समर्थन मिलना चाहिए।