वाराणसी के अस्सी स्थित देवरहा बाबा आश्रम, द्वारिकाधीश मन्दिर में शुक्रवार को विशाल सन्त समागम एवं समष्टि भण्डारे का आयोजन किया गया। देवरहा बालक बाबा जी महाराज के अनन्य शिष्य रहे स्व0 दीपेन्द्र बहादुर सिंह की पुण्य स्मृति में जुटे सन्तों ने उन्हें नमन कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर मन्दिर के प्रमुख देवरहा हंस बाबा ने कहा कि स्व0 दीपेन्द्र परम पूज्य देवरहा बाबा के सिन्द्धांतों पर चलने वाले अनुयायी थे, उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सिर्फ सनातन धर्मी वैष्णव समाज के प्रति समर्पित कर दिया।

रामजानकी मठ, अस्सी के प्रभारी रामलोचन दास जी महाराज ने कहा कि स्व. दीपेन्द्र का जीवन ना सिर्फ साधु सन्तों के प्रति उदार रहा अपितु समाज के हर एक दीन दुखी के प्रति भी वह सहज भाव से ही उदार रहे। धर्म के क्षेत्र में उनके किये योगदान को वैष्णव समाज कभी भुला नही पायेगा।

श्रवण दास जी महाराज ने कहा कि आज ऐसे शिष्य विरले ही मिलते है जो गुरू आज्ञा पर अपना सर्वस्व न्यौक्षावर करने को तत्पर रहे। समागम की अध्यक्षता राम अभिलास दास जी महाराज ने की। संचालन देवरहा बालक बाबा जी महाराज अन्नक्षेत्र, जौनपुर के प्रमुख मारकण्डेय सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन जसवन्त सिंह बबलू ने किया।

इससे पूर्व समागम का शुभारंभ देवरहा बाबा के चित्र तथा दीपेन्द्र बहादुर सिंह के चित्र पर माल्र्यापण के साथ हुआ। इसके बाद स्थानीय कलाकारो द्वारा भजनो की भी सुमधुर प्रस्तुतियों से द्वारिकाधीश मन्दिर गूंजता रहा। तत्पश्चात विशाल समष्टि भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारो की संख्या में सन्तों, साधु – सन्यासियो, बटुको, वैदिक ब्राम्हणों ने प्रसाद ग्रहण किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से गोविन्द दास, राम तपस्या दास, ईश्वर दास, सर्वेश्वर शरण सतुआ बाबा, बालक बाबा, बृज किशोर दास, रामदरस अधिकारी, अनन्त दास सहित बड़ी संख्या में सन्त महात्मा जुटे रहे। सन्त आतिथ्य संतोष सिंह, भानु सिंह, विमल, यादवेन्द्र सिंह, राकेश सिंह, रविकिरण सिंह, दिनेश सिंह, बब्बू सिंह, शीतला सिंह, टप्पू सिंह आदि रहे।

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