रामनवमी एवं विजयदशमी के संपन्न होने के उपरांत पूरे काशी में मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम ज़ोरों-शोरों से शुरू हो गया। वाराणसी के प्रमुख घाटों, तालाबों और पोखरों में मूर्ति विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एन.डी.आर.एफ की पाँच टीमों को संकुलधारा कुंड, ईश्वरगंगी कुंड, पहड़िया पोखरा, मछोदरी कुंड, कंपनी बाग़, विश्वसुन्दरी और खिरकिया घाट पर तैनात किया गया था। इन सभी प्रमुख स्थलों पर तैनात रहकर एन.डी.आर.एफ के कुशल गोताखोरों व बचावकर्मियों ने मोटर बोट व अन्य बचाव उपकरण के साथ तैनात रहकर आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान की जिससे मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सका। इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ व मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में भी एन.डी.आर.एफ की टीमों ने तैनात रहकर इस महाआयोजन को सुरक्षित रूप से सम्पन्न करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
प्रत्येक वर्ष की भांति एन.डी.आर.एफ की टीमें वाराणसी के अलग-अलग घाटों व तालाबों पोखरों में तैनात रहकर श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करती रही हैं।