आजाद की मौत से जुड़ी एक गोपनीय फाइल आज भी लखनऊ के सीआईडी आफिस में रखी है। फाइल में प्रयागराज के तत्कालीन अंग्रेज पुलिस ऑफिसर नाॅट वावर के बयान दर्ज हैं।

वावर ने कहा था कि वह अपने घर पर खाना खा रहे थे, उसी समय भारत के एक बड़े नेता का संदेश आया। बताया गया कि आप जिसकी तलाश कर रहे हैं, वह इस समय अल्फ्रेड पार्क में है और वहां पर तीन बजे तक रहेगा।

हमने अपनी टीम के साथ पार्क को घेर लिया था। आजाद ने ५ गोलियां चलाकर ५ पुलिस वालों को मार दिया था। ६वीं और आखिरी गोली आजाद ने खुद अपनी कनपटी पर मार ली थी।

संदेश भेजने वाला गद्दार नेता कौन था, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है। आखिर आजादी के ७३ साल बीतने के बाद भी उस गद्दार नेता का नाम का खुलासा क्यों नहीं हो रहा है,,, जिसके कारण हमने आजादी के एक बहुमूल्य सिपाही (रत्न) को खोया था।

दैनिक भास्कर/बिजय पाठक से साभार

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