अनिता चौधरी

राजनीतिक संपादक

खबर आ रही ही कि बीजेपी से कांग्रेस मे गए नवजोत सिंह सिद्धू घर वापसी के लिए बेकरार हैं। सूत्र बता रहे हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बाबत बीजेपी अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की है। यही नहीं सूत्रों की माने तो सिद्धू ने आपसी मतभेद को खत्म करने के लिए सुखवीर सिंह बादल के साथ भी बैठक की है। अंदरखाने से आयी खबर की माने तो नवजोत सिंह सिद्धू इस मुलाकात से संतृष्ट हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी सिद्धू को लेकर काफी पॉजिटिव हैं । सिद्धू अपने यू-टर्न को लेकर अमित शाह से एक बार और मुलाकात कर सकते हैं जिसके बाद अमित शाह उनकी घर वापसी पर फैसला लेते हुए उन्हें हरी झंडी दिखा सकते हैं।

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कोई भी आधिकारिक पद नहीं मिलने और पार्टी में अवहेलना की वजह से नवजोत सिंह सिद्धू बीजेपी से नाराज़ चल रहे थे। सिद्धू की नाराजगी इस बात से थी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अमृतसर सीट से उनको ड्राप कर के अरुण जेटली को लड़ाया था। हालांकि दिवंगत बीजेपी नेता उस मोदी लहर में भी अमृतसर सीट हार गए थे। इस चुनाव के कुछ दिन बाद उनके आप आदमी पार्टी में जाने की खबर आई। बीजेपी ने उनके पार्टी छोड़ने के डर से 28 अप्रैल 2016 में नवजोत सिंह सिद्धू को राज्यसभा से सदन में भेजा। सिद्धू लेकिन तब भी संतुष्ट नज़र नही आये। बाद में सिद्धू ने 18 जुलाई 2016 को राज्यसभा से त्यागपत्र दे दिया और जनवरी 2017 को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। नवजोत सिंह सिद्धू काँग्रेस पार्टी से पंजाब विधानसभा चुनाव लड़े और बाद में पंजाब के कांग्रेस की कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार में ऊर्जा मंत्री बने मगर वहां भी मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह से उनकी बन नहीं पाई और जुलाई 2019 को उन्होंने पंजाब कैबिनेट मिनिस्टर के पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया । तब से सिद्धू मीडिया के गलियारे से गायब थे । मगर अभी हाल ही में करतारपुर कॉरिडोर शुरू होने के बाद करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जो पहला जत्था निकलने वाला है उसमें पूर्व प्रधानमंत्री मज़नमिहन सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह का नाम तो है मगर लिस्ट से नवजोत सिंह सिद्धू का नाम गायब है हालाकिं लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू को निजी तौर पर न्योता भेजा है और आने का निमंत्रण दिया है । मगर इन सब के बीच ये खबर आ रही है कि कांग्रेस के राजनीतिक दांव पेंच से सिद्धू आजिज आ चुके हैं और अब दोबारा बीजेपी में वापस आना चाहते हैं।

पता नहीं कि इस खबर मे कितनी सच्चाई है। लेकिन यदि सिद्धू के भाजपा मे लौटने की बात मे दम है तो लाख टके का सवाल यह कि पार्टी छोड़ने के बाद उसके खिलाफ हद से ज्यादा मुखर रहे शेरी का क्या पुनर्प्रवेश हो जाएगा ? कांग्रेस मे जाने के बाद अपनी ऊटपटान्ग हरकतों से यह पूर्व क्रिकेटर और टीवी कलाकार न सिर्फ अपनी इस पुरानी पार्टी को चिढाता रहा है बल्कि इमरान के शपथ ग्रहण समारोह मे शामिल होने के दौरान पाकिस्तानी फौज के सेनाध्यक्ष से गले मिलने की हरकत ने उनकी छवि देश विरोधी की भी बना दी थी। आग मे घी का काम किया था पाकिस्तान मे खालिस्तानी आतंकी से उनकी मुलाकात ने। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी तक को भी नहीं बख्शा और जब तब कटु आलोचना करने मे कभी गुरेज नहीं किया । भारत के कट्टरतम दुश्मन पाकिस्तान के प्रति उनके अनुराग को क्या इतनी आसानी से भाजपा भुला कर उनको फिर से गले लगा लेगी ? या कहते हैं न कि राजनीति मे कोई स्थायी शत्रु या मित्र नहीं होता, इस राह पर चलते हुए भाजपा सिदूधू को अपना बनाने को तैयार हो जाती है ? यह देखने वाली बात होगी और यह भी कि क्या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से भी उनको हरी झंडी दिखायी जाएगी ? समय देगा इसका जवाब

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