प्रधानमंत्री ने उदास वैज्ञानिको का हौसला बढाया

इसरो से देश को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री

देश आपके साथ खड़ा है। हमारा सर्वश्रेष्ठ अभी आना शेष है। एक नयी सुबह होनी है। मैने आपके साथ लैण्डर का नियंत्रण कक्ष के साथ अंतिम क्षणों मे सम्पर्क टूटते हुए देखा है। परेशान होने की जरूरत नहीं है। याद रखिए लकीर पत्थर पर खींची जाती है, मक्खन पर नहीं । हमारे पास अदम्य साहस है। हम और मजबूत होकर सामने आएँगे। हमको चंद्रमा से भी बहुत आगे जाना है । मैने हर पल आपके साथ ही जीया है। समय ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। हमारे हौसले बुलन्द हैं ।

सम्बोधन बाद पीएम से इसरो प्रमुख गले मिल कर रो पडे- साभार- आजतक


हमे लक्ष्य के सन्निकट थे मगर दूर रह गये। लेकिन विज्ञान मे प्रयोग असफल नहीं होते । वे हमे आगे जाने का रास्ता दाखाते हैं ।
सतह छूने के महज 69 सेकेण्ड पहले हुई गड़बड़ी के चलते अभियान से जुड़े उदास वैश्रानिको का हौसला बुलंद करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन मे बंगलोर स्थित इसरो के मुख्यालय मे उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि सबक लेंगे, उठेगे और मुठ्ठी मे होगा चाँद। चाँद की तरफ बढते कदम न थकेगे न रुकेगे, और न थमेगे । उन्होंने कहा कि इसरो ने कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। याद रखिए सम्पर्क ही टूटा है संकल्प नहीं ।यह संकल्प है चाँद को छूना। विश्वास कीजिए कि हमारी 11 साल की तेयारी बेकार नहीं जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश को अपने वैश्ज्ञानिको पर गर्व है।

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