कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी से पूछे सवाल

भारत की कूटनीति को एक व्यावसायिक दलाल के हाथों गिरवी रख दिया ?

अनिता चौधरी
राजनीतिक संपादक

नई दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि एक अनजान थिंकटैंक संघटन की तरफ से प्रायोजित यूरोपीय सांसदों के 27 सदस्यों को भारत लाया गया और उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करायी गयी। उन्हें कश्मीर के जमीनी हालात जानने के लिए सरकार द्वारा कश्मीर भेजा गया और उनकी पत्रकार वार्ता भी आयोजित की गई, आखिर क्यों ? बड़ी बात तो यह रही कि आखिर इस डेलिगेशन के 23 सदस्य ही कश्मीर गए और 4 दिल्ली से ही आखिर क्यों लौट गये ?
पिछले 72 साल से भारत की जाँची परखी नीति है कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और हम इस बारे किसी तीसरे पक्ष, समूह, संस्था या व्यक्ति की दखलंदाजी कदापि स्वीकार नहीं करते। आखिर क्यों विदेश मंत्रालय और विदेश नीतियों को दरकिनार करते हुए पिछले तीन दिनों में इस नीति को मोदी सरकार ने पलट दिया । ऐसा कर के मोदी सरकार ने देश के साथ एक अक्षम्य अपराध किया है।

सुरजेवाला ने बीजेपी की मोदी सरकार पर की प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कश्मीर पर जो कदम पीएम मोदी ने उठाये हैं उससे बीजेपी सरकार ने देश की संसद और प्रजातंत्र का भी घोर अपमान किया है।जब हमारे अपने सांसद और विपक्षी दलों के नेता कश्मीर जाते हैं, तो भाजपा सरकार उन्हें एयरपोर्ट से ही जबरन वापस भेज देती है। इसके विपरीत भाजपा सरकार यूरोपीय सांसदों का लाल कालीन बिछा कश्मीर में स्वागत कर रही है और वह भी तब, जब उन्हें एक अंतर्राष्ट्रीय बिज़नेस ब्रोकर द्वारा भारत लाया गया है । देश के सांसदों से ‘शांति’ का खतरा है और विदेशी सांसदों का कश्मीर में ‘स्वागत’ है बीजेपी सरकार की यह नीति जनता की समझ से परे है।

रणदीप सुरजेवाला का कहना था कि भाजपा सरकार के इस अपरिपक्व, विवेकहीन व मूर्खतापूर्ण निर्णय से साफ है कि , मोदी सरकार ने भारत की कूटनीति को एक अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक दलाल के हाथ गिरवी रख दिया है। क्या प्रधानमंत्री बताएंगे कि ‘मैडी शर्मा’ कौन है? भाजपा का ‘महिला आर्थिक और सामाजिक थिंकटैंक’ तथा ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर नॉन अलाईंड स्टडीज़’ से क्या जुड़ाव है? मैडी शर्मा क्यों और किस हैसियत में प्रधानमंत्री की बैठकें तय कर रही हैं, वो भी तब जब यूरोपीय यूनियन के सांसद अनौपचारिक यात्रा पर हैं । क्यों भारत सरकार इस यात्रा की प्रायोजक बनी हुई है ? एक बिज़नेस ब्रोकर द्वारा प्रायोजित कश्मीर की इस यात्रा का पैसा कहां से आ रहा है? इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय को दरकिनार क्यों कर दिया गया ? आखिर क्यों मोदी सरकार ने जानबूझकर कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण कर दिया है, जो हमारी जाँची परखी नीति की घोर अवहेलना है । भारत की नीति में हमेशा से ही कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। लेकिन
मोदी सरकार ने एक तीसरे पक्ष को कश्मीर बुलाकर जमीनी हालात का जायजा लेने की इजाजत देकर जम्मू कश्मीर पर भारत की संप्रभुता को भी चुनौती दे डाली है।
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है । सुरजेवाला ने कहा है कि हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी देश की संप्रभुता को चुनौती देने, राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार करने और संसद का अपमान करने वाले अपने इन निर्णयों के बारे में देश को स्पष्टीकरण दें।

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