प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (17 सितंबर) को 69 साल के हो गए हैं। उनके बचपन से अब तक की कई कहानियां करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इन कहानियों में गुजरात के वडनगर का स्थान बेहद खास है। किशोरावस्था में नरेंद्र मोदी यहां रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर अपने पिता दामोदर मोदी की मदद किया करते थे। अब यह जगह एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित हो गई है।

न्यूयॉर्क से आए पटेल ने बताया अनुभवः अमेरिका के रहने वाले बाबू आर पटेल रियल एस्टेट सेक्टर में काम करते हैं। टीओआई के मुताबिक उनका कहना है कि वडोदरा स्टेशन पर उतरते ही सबसे पहले वो टी स्टॉल पर ही गए। पटेल कहते हैं, ‘मैंने सबसे पहले यहां के फोटो और वीडियो विदेश में बैठे अपने दोस्तों को भेजे। वो सभी मेरी तरह ही इस जगह को लेकर उत्साहित थे।’

आज भी है वो लकड़ी की दुकानः अहमदाबाद से प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल अंबाजी के रास्ते पर आने वाले वडनगर रेलवे स्टेशन पर मौजूद वुडन टी स्टॉल (लकड़ी की बनी चाय की दुकान) कभी मोदी परिवार का हिस्सा हुआ करती थीं। यह अभी भी वैसी की वैसी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इसे टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित कर रहा है। इस टी स्टॉल को कांच के अंदर संरक्षित किया जा रहा है।

ब्रॉड गेज पर तेजी से हो रहा कामः पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने अपने हालिया गुजरात दौरे पर इस दुकान का मुआयना किया और विभागीय अधिकारियों से प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए कहा। ऊंझा से वडनगर तक ब्रॉड गेज का ट्रायल रन हो चुका है और जल्द ही इस पर सवारी गाड़ी शुरू होगी। इस ट्रैक को आबू रोड स्टेशन तक ले जाने की योजना है।

इस मंदिर से मिली थी वाराणसी जाने की प्रेरणाः वडनगर का जिक्र पीएम मोदी कई बार करते हैं। यहां आने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। वडनगर में नडियाली गेट के पास स्थित हाटकेश्वर मंदिर का भी रिनोवेशन हो रहा है। मोदी इस मंदिर को अपने वाराणसी से चुनाव लड़ने का प्रेरणास्रोत बता चुके हैं। इसके रिनोवेशन पर 2014 से अब तक 15 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मंदिर के पुजारी कहते हैं कि इसका उल्लेख स्कंदपुराण के नगर-खंड में भी है। पौराणिक काल में भी इसका अस्तित्व था।

पिछले कुछ सालों में तेजी से हुआ विकासः वडनगर में करीब 360 मंदिर हैं। वहीं कई कुएं और तालाब भी हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि 24 घंटे बिजली और भरपूर पानी की उपलब्धता से जिंदगी बदल गई है। पहले की तुलना में पिछले कुछ सालों में यहां का विकास तेजी से हुआ है। लोग अक्सर दूसरे शहरों में संभावनाएं तलाशते हैं लेकिन यहां ऐसा नहीं है। यहां के लोगों के पास पर्याप्त अवसर और सुविधाएं हैं।

जनसत्ता

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