उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक स्कूल की वीडियो बीते दिनों खूब वायरल हुई थी। दरअसल इस वीडियो में दिखाई दे रहा था कि स्कूल में बच्चे मिड डे मील के दौरान रोटी और नमक खा रहे थे। अब खबर आयी है कि राज्य सरकार ने इस वीडियो को शूट करने वाले पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। यह मुकदमा पिछली 31 अगस्त को खण्ड शिक्षाधिकारी प्रेम शंकर राम की तहरीर पर दर्ज किया गया है। जिसमें पत्रकार पवन जायसवाल और स्थानीय ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक जिस दिन वीडियो शूट किया गया, उस दिन स्कूल में मिड डे मील के तहत सिर्फ रोटियां बनी थीं। एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने स्कूल में सब्जियों का इंतजाम करने के बजाय रिपोर्टर को स्कूल परिसर में बुलाया और वीडियो शूट करायी।
एफआईआर के मुताबिक ‘जनसंदेश टाइम्स’ के स्थानीय रिपोर्टर द्वारा वीडियो शूट किया गया और फिर इसे बाद में न्यूज एजेंसी एएनआई को भेज दिया गया। जहां से यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। आरोपी पत्रकार और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ धांधली और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
गौरतलब है कि गत 22 अगस्त को मिर्जापुर के जमालपुर विकास खण्ड स्थित सियूर प्राथमिक विद्यालय की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच करायी थी और प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर दो शिक्षकों मुरारी और अरविंद कुमार त्रिपाठी को निलंबित किया था।
बता दें कि केन्द्र सरकार की मिड डे मील योजना के तहत परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मेन्यू के हिसाब से दाल, चावल, रोटी, सब्जी, फल और दूध दिये जाने की व्यवस्था है, ताकि उन्हें बेहतर पोषण मिल सके। यूपी सरकार के दिसंबर, 2018 के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 1.5 लाख प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को भोजन दिया जा रहा है।
साभार : जनसत्ता