गंगा की गोद में अलकनंदा क्रूज पर काशी की युवा रचनाकार अंकिता खत्री के प्रथम काव्य संग्रह नादानियाँ का विमोचन विशिष्टजनों के करकमलों से सम्पन्न हुआ। इस सुअवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थी प्रख्यात गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी जी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता की संगीतज्ञ पद्मश्री पं राजेश्वर आचार्य व विशिष्ट अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति रही पद्मश्री प्रो सरोज चूड़ामणि गोपाल, साहित्यकार डॉ जितेंद्र नाथ मिश्र, सुबह ए बनारस के सचिव डॉ रत्नेश वर्मा, कामेश्वर उपाध्याय एवं डॉ मंजुला चतुर्वेदी जी की। कार्यक्रम में सवर्प्रथम दीप आलोकन एवं कलश पूजन के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ हुआ। साथ ही अंकिता खत्री के प्रथम काव्य संग्रह नादानियां का मुख्य अतिथि मालिनी अवस्थी, अध्यक्ष पं राजेश्वर आचार्य एवं विशिष्टजनों के कर कमलों से विमोचन सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि मालिनी अवस्थी जी ने इस काव्य संग्रह को नयी प्रतिभाओं के लिए प्रेरक उदाहरण बताया और कहा कि आज की नारी को अपनी रचनात्मकता को समाज के समक्ष अभिव्यक्ति का रूप देना ही ऐसी कृति को जन्म देता है इस काव्य संग्रह के लिये उन्होंने अंकिता को शुभकामना दी।
इस अवसर पर पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य जी ने इस काव्य संग्रह को काशी के सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में अंकिता खत्री की कलात्मक संवेदनशीलता का सुपरिणाम बताया और इस काव्य सृजन के लिए बधाई दी।
पद्मश्री प्रो सरोज गोपाल चूड़ामणि ने अंकिता की उत्तरोत्तर कलात्मक प्रगति की कामना व्यक्त की। डॉ जितेंद्र नाथ मिश्र ने नई प्रतिभाओ के लिये अपनी रचनाओं को संकलित करने एवं उनको प्रकाशित करने की दिशा में इस काव्य संग्रह को उत्तम बताया। डॉ रत्नेश वर्मा जी ने अंकिता खत्री की रचना को पारिवारिक दायित्वों के साथ साथ कलात्मक सृजन धर्मिता का सुंदर उदाहरण बताया।
डॉ कामेश्वर उपाध्याय ने भारतीय परंपरा का स्मरण करते हुए वाल्मीकि से लेकर महाकवि कालीदास तक कि रचनाओं की विशेषताओं का उल्लेख किया। पं हरिराम द्विवेदी जी ने मां गंगा जी की गोद में आयोजित विमोचन कार्यक्रम को मां गंगा जी जी कृपा बताया। डॉ मंजुला चतुर्वेदी जी ने अंकिता को अपने अध्ययन काल में ही उत्साही एवं साहित्य कला के प्रति समर्पित बताते हुए अपनी मंगल कामनाएं व्यक्त की।
इस अवसर पर सौम्या कुलकर्णी, दिव्या सिंह, मंजु मिश्रा, जगदीश पिल्लई आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीतेश आचार्य ने किया। कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का स्वागत पं० प्रमोद मिश्र व धन्यवाद ज्ञापित विकास मालवीय ने किया। साथ ही युवा रंग कर्मी उमेश भाटिया ने काव्यसंग्रह की कुछ पंक्तियों पर जीवंत अभिनय कर के सबका मन मोह लिया। तो वहीं इस अवसर पर अंकिता खत्री के सुपुत्र अंश खत्री द्वारा काव्य संग्रह पर निर्मित एक वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया।