भारत का कडा विरोध- हमारे दोनो युवकों को काउंसलर सुविधा दो

पिछले साल गलती से सीमा पार करने वाले दो भारतीय युवकों को अचानक गिरफ्तार किए जाने की पाकिस्तान से आई खबरों पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने पाक सरकार से तुरंत गिरफ्तारी की पुष्टि करने और काउंसलर एक्सेस देने की मांग की है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाक ने इस तरह का दावा किया है कि दो भारतीयों वी लाल और प्रशांत वेंदम को गिरफ्तार किया गया है। ये युवक बिना पासपोर्ट के पाकिस्तान आए हैं। वह उनकी तहकीकात करने की बात कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि भारतीय उच्चायोग इस मामले को पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान के सामने उठाकर इनके बारे में जानकारी मांग रहा है। इसलिए उन्हें अचानक अभी गिरफ्तार किया गया कहना गलत है। इनके बारे में लगातार कई महीनों से भारत द्वारा नोट वर्बा (कूटनीतिक नोट) लिखा जा रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया।

पिछले साल पूरा विवरण भेज मांगी थी जानकारी: 

सरकारी सूत्रों ने कहा कि सामान्यत: जब भी हमारे कुछ लोग मिसिंग होते हैं तो हम इस तरह की प्रक्रिया अपनाते हैं। हमने प्रशांत वेंदम का पासपोर्ट नंबर भी पाकिस्तान को दिया था। पूरा नोट वर्बा पाकिस्तान को भेजकर पूछा गया था कि ये लोग गलती से सीमा पार कर गए हैं अगर ये आपके पास हैं या हिरासत में हैं तो पुष्टि करें। नोट में कहा गया था कि अगर वे आपके पास हैं तो काउंसलर एक्सेस दिया जाए। वरी लाल के मामले में भी इसी तरह का नोट वर्बा भेजा गया था। कुछ अन्य लोगों के मामले में भी ऐसी ही प्रक्रिया अपनाई गई, लेकिन पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया। अचानक उन्होंने सोमवार (18 नवंबर) को गिरफ्तारी का शिगूफा छेड़ दिया।

राजनीतिक रंग देने की कोशिश: ऐसा लगता है कि पाकिस्तान मानवीय कोण को भी राजनीतिक रंग देना चाहता है। उनके अंदर की हालत जब भी गड़बड़ होती है तो वे ऐसा करते हैं। पाकिस्तान के भीतर ही कई लोगों ने अपनी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।

दुष्प्रचार का हथियार न बनाए 

पाक से यह बात आई है कि दो लोगों को गिरफ्तार किया है तो हमने उनसे कहा है कि वे इसे कन्फर्म करें। हमें काउंसलर एक्सेस दिया जाए। जितनी जल्दी हो सके उनके परिवार को मिलवाया जाए। उनको नुकसान न पहुंचाया जाए या बदसलूकी न हो। उनकी गिरफ्तारी को पाकिस्तान अपने दुष्प्रचार का हिस्सा न बनाए।

इसी तरह रामदास और जस्सी सिंह के मामले में भी पाक से पूछा जा रहा है कि शायद वे उनकी सीमा में गलती से चले गए हैं तो उनके बारे में जानकारी दी जाए। अगर वे वहां हैं तो काउंसलर एक्सेस दी जाए। हर हफ्ते उनके सामने सवाल उठाया जाता है।

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