सदस्य देशों के लिए आईआईटी संस्थानों मे एक हजार पीएचडी स्कलरशिप देने का प्रस्ताव

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी के इस दौरे का उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों को और मजबूती देना है। इस दौरान कई समझौते होंगे। इनमें आसियान देशों के विद्यार्थियों को भारत के आईआईटी संस्थानों में एक हजार पीएचडी स्कॉलरशिप देने का प्रस्ताव भी है।

पिछले साल जनवरी में 10 आसियान नेताओं ने शिरकत की थी

पिछले साल जनवरी में भारत ने इंडो-आसियान समिट की 25वीं वर्षगांठ की मेजबानी की थी, जिसमें 10 आसियान नेताओं ने शिरकत की थी। इस दौरान भारत ने यह घोषणा की थी कि वह आसियान-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप की सतत मजबूती के लिए काम करता रहेगा।

प्रयासों के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट रखा गया

मंत्रालय के मुताबिक- इन प्रयासों के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। आसियान सदस्य देशों के लिए भारत द्वारा मानव संसाधन से जुड़े प्रयासों हेतु जारी यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसकी शुरुआत इस साल सितंबर में विदेश मंत्री एस.जयशंकर और मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल की मौजूदगी में हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी 14वीं ईस्ट एशिया समिट में भी शामिल होंगे

प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी 14वीं ईस्ट एशिया समिट में भी शामिल होंगे। इस मुलाकात का उद्देश्य ईस्ट एशिया कोऑपरेशन और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान है। समिट में शामिल देश दुनिया की 54 फीसदी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं कि जबकि जीडीपी के मामले में यह 58 प्रतिशत है।

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