विशेष संवाददाता

भारतीय जनता पार्टी के भीष्म पितामह और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश चंद्र जोशी का निधन हो गया है।

उन्होंने भोपाल के एक अस्पताल में रविवार, 24 नवंबरको अंतिम सांस ली। वह लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि जोशी मध्य प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे।

जनसंघ के जमाने से राजनीति में

स्मरणीय है कि एमपी के पूर्व सीएम कैलाश जोशी का जन्म 14 जुलाई 1929 में देवास में हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी जनसंघ के समय से शुरू की थी। 1951 में जोशी भारतीय जनसंघ के सदस्य बने और 1954 से 1960 तक देवास जिले में जनसंघ के मंत्री पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद 1955 में वह हाटपीपल्‍या नगरपालिका के चेयरमैन बने और फिर 1962 से लगातार 7 बागली सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद 1980 में वह बीजेपी के एमपी प्रदेश अध्यक्ष बने।

इमरजेंसी में रहे अंडरग्राउंड

बताया जाता है कि जोशी आपातकाल के समय करीब एक महीने अंडरग्राउंड रहने के के बाद जुलाई 1975 में गिरफ्तार कर लिए गए और 19 माह तक मीसा कानून के तहत नजरबंद रहे। जिसके बाद 1977 को कैलाश चंद्र जोशी मध्यप्रदेश के इतिहास में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। हालांकि 1978 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया था।

जब दिग्विजय को घेरने उतरे मैदान में

मध्यप्रदेश में 1998 के दौर में जब दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी तो चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को उनके गढ़ में घेरने के लिए कैलाश जोशी को मैदान में उतारा था। तब दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह के सामने जोशी मैदान में थे। लेकिन वह चुनाव 50 हज़ार से अधिक मतों से हार गए थे। बाद में उनको बीजेपी ने राज्यसभा भेजा था।

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