राष्ट्रवादी मुस्लिम कवि कृष्ण भक्त रसखान से तो हिन्दी साहित्य भली भांति परिचित है। मगर कुछ ऐसे मुस्लिम भी रहे हैं जिनसे भारतीय जनमानस लगभग अपरिचित ही है।
उन्ही मे एक है मुस्लिम कवि फकरुद्दीन ( बदरुद्दीन) जिन्होंने ही भगवान बद्रीनाथ जी के मंदिर मे सुबह-शाम गायी जाने वाली आरती 154 वर्ष पहले लिखी थी। फकरूद्दीन मूलरूप से नन्द प्रयाग के निवासी थे और पोस्ट मास्टर थे, तब उनकी उम्र 18 वर्ष थी, यह आरती उन्होंने वर्ष 1865 मे लिखी थी,इस आरती के बाद ही उनका नाम * बदरूद्दीन हो गया था,104 वर्ष की आयु मे वर्ष 1951मे उनकी मृत्यु हुई थी।